Indore : पितृ पर्वत पर चल रहे महायज्ञ में स्वामी प्रणवानंद के आशीर्वचन, इतने भक्तों ने किया सामूहिक पाठ

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इंदौर(Indore) : यज्ञ नारायण की अग्नि के दर्शन मात्र से हमारे सभी शुभ संकल्प साकार हो उठते हैं। यज्ञ की महत्ता को विज्ञान ने भी स्वीकार किया है। अग्नि का यह ऐसा स्वरूप है, जो परिवार, समाज और राष्ट्र को चैतन्य तथा ऊर्जावान बनाता है। पितृ पर्वत एक तीर्थ धाम बन रहा है, जहां स्वयं हनुमानजी की साक्षी में शिवशक्ति महायज्ञ जैसा दिव्य अनुष्ठान होना हम सबके लिए कल्याणकारी ही है। इस तरह के अनुष्ठान भारतीय संस्कृति को मजबूत बनाने और समाज को संगठित करने के लिए बहुत जरूरी है।

वृंदावन के महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती ने इन शब्दों के साथ पितृ पर्वत स्थित हनुमंत धाम पर चल रहे शिवशक्ति महायज्ञ के आचार्यों एवं साधकों को संबोधित किया। श्री श्रीविद्याधाम के महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती के साथ प्रणवानंदजी ने यज्ञ नारायण की आरती में भी भाग लिया। प्रारंभ में शिवशक्ति साधना समिति की ओर से श्री श्रीविद्याधाम के न्यासी पवन शर्मा (जयपुर), दीपक खंडेलवाल संयोजक आचार्य पं. उमेश तिवारी, प्रशांत अग्निहोत्री, आचार्य पं. आनंद शुक्ला, पं. अमित शर्मा, शिव पुरोहित, अभिषेक शर्मा, मनीष शर्मा, हरीश पुरोहित अजय सोडानी अनिल शर्मा, घनश्याम काकाणी सचिन भावसार आदि ने संतद्वय की अगवानी की।

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स्वामी प्रणवानंदजी ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी गिरिजानंद सरस्वती ‘भगवन’ ने ऐसा कल्पवृक्ष खड़ा किया है, जिसकी छाया में आने वाले अनेक ब्राह्मण गुरु परम्परा के आचार्य बनकर आज सारे देश में हिमाचल से लेकर विदेशों में भी अनेक धार्मिक अनुष्ठान संपादित कर रहे हैं। यह अनुष्ठान भी उनके शिष्यों द्वारा पूरे विधि-विधान से किया जा रहा है। स्वामी प्रणवानंद एवं स्वामी चिन्मयानंद सहित सभी संतों एवं आचार्यों ने यज्ञशाला की परिक्रमा भी की।

आज महायज्ञ के चौथे दिन 25

आयोजन समिति के महेश दलोंद्रा, नितिन माहेश्वरी ने बताया की यज्ञ कुंडों पर 220 साधकों द्वारा ललिता पंचमी के उपलक्ष्य में मालपुए, खीरान, त्रिमधु, गन्ना, कमलगट्टा, पंचमेवा और पान सहित तिल्ली, चावल एवं सुगंधित पदार्थों की आहुतियां प्रदान की गई। 1100 पान की आहुति प्रत्येक कुंड पर प्रतिदिन दी जा रही है। करीब 30 श्रद्धालु यहां पान के बीड़े बनाने में जुटे हुए हैं।

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शनिवार को भी यज्ञ में 27 हजार पान के बीड़ों की आहुतियां दी जाएंगी। समिति के पुलकित खंडेलवाल, रमेश पसारी ने बताया यज्ञशाला की परिक्रमा करने वालों का सैलाब भी लगातार बढ़ रहा है। जयपुर से विद्याधाम के न्यासी पवन शर्मा ने भी इंदौर आकर आज महायज्ञ में आहुतियां समर्पित की। इसी तरह कोलाकता से आए मनोज मोहता, देहरानदून से आए दीपक शर्मा, दिल्ली से आए सज्जनसिंह ने भी अनुष्ठान में भाग लिया।

समिति के प आदर्श शर्मा ने बताया

1100 भक्तों ने किया सुंदरकांड का पाठ –शनिवार शाम पं. राजेश मिश्रा मुंबई और उनके साथियों के मार्गदर्शन में पितृ पर्वत पर पहली बार एक साथ 1100 भक्तों ने सुंदरकांड का संगीतमय सामूहिक पाठ किया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती एवं यज्ञ कर्म में जुटे सभी विद्वान आचार्य भी उपस्थित थे। हनुमानजी की साक्षी में दूधिया रोशनी के बीच यह अदभुत नजारा देखने लायक था। भक्तों को फुलेरा का प्रसाद वितरण किया गया। मंगलवार 7 जून को प्रख्यात भजन गायक कन्हैया मित्तल की भजन संध्या शाम 7 बजे से होगी।