इंदौर : भारतीय जनता पार्टी के नेता और खनिज विकास निगम के पूर्व उपाध्यक्ष गोविंद मालू ने केंद्र सरकार से मांग की है कि ऑक्सीजन की बढ़ती खपत को देखते हुए सौ बिस्तरों से ज्यादा वाले अस्पतालों को ऑक्सीजन प्लांट लगाने की अनुमति दी जाए। साथ ही सरकार उन्हें इस पहल के लिए सब्सिडी भी दे। उन्होंने अपने इस सुझाव को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है।
मालू ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए ऑक्सीजन का कृत्रिम संकट खड़ा हो सकता है, इसके लिए अस्पतालों को प्लांट लगाने की इजाजत दी जाना चाहिए। जबकि, देश या प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी स्पष्ट किया है कि देश में हुए ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। खपत की तुलना में उत्पादन क्षमता ज्यादा है। वास्तव में समस्या ऑक्सीजन की नहीं, राज्यों में इसके नियोजित वितरण प्रबंधन की है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक देश में ऑक्सीजन की उत्पादन क्षमता और खपत में बड़ा अंतर है। प्रतिदिन 6900 मीट्रिक टन की कुल उत्पादन क्षमता की तुलना में 5000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की खपत हुई। भाजपा नेता ने प्रदेश सरकार से यह मांग भी की, कि ऑक्सीजन की सप्लाय पर नजर रखी जाना चाहिए! कई जगह से इसकी कालाबाजारी की भी शिकायतें आ रही है। कॉरोनकाल में भविष्य में ऑक्सीजन की मांग बढ़ भी सकती है, इसलिए इस दिशा में विचार किया जाना चाहिए! बड़े अस्पतालों को ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने से सरकार पर से भी आपूर्ति का दबाव नहीं रहेगा।