इंदौर : भूमाफियाओं पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, छह हजार से ज्यादा की जमीन मुख्त

Ayushi
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indore collector manish singh

इंदौर। भूमाफियाओं के खिलाफ जिला प्रशासन ने महज चार गृह निर्माण संस्थाओं की 6 हजार 890 करोड़ से ज्यादा की जमीन भूमाफियाओं से मुक्त करवा ली गई है। आश्चर्य है ना मगर ये सच है। अपने आप में एक ऐतिहासिक काम है और प्रशासन के इन प्रयासों के चलते 3 हजार से ज्यादा पीड़ित सदस्यों का सपना पूरा होने की उम्मीद बंध गई है जो वर्षो से अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे थे। इस काम का श्रेय निश्चित रूप से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जाता है, जिन्होंने इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह को फ्री हैंड दिया।

बस एक इशारा था और कलेक्टर सिंह एंटी भूमाफिया अभियान के रोल मॉडल बन कर उभर गए। इंदौर में इससे पहले तीन बार भूमाफियाओं के खिलाफ अभियान चलाया जा चुका है। संस्थाओं की जमीनों पर से कब्जे हटाने और रसूखदार भूमाफियाओं पर नकेल कसने की कार्रवाई पहली बार हुई है। यहीं कारण है कि जिन लोगों ने भूमाफियाओं के प्रभाव में जमीने खरीद ली वे खुद आगे आकर जमीन सिरेंडर करने के आवेदन दे रहे है। अभी तक एक दर्जन लोग जमीन छोड़ने की पेशकश कर चुके है। इसके पीछे मुख्य कारण भूमाफियाओं के सरगनाओं पर केस दर्ज होने से फैली दहशत है।

खौफ में होने लगी जमीनें करो सिरेंडर –
गृह निर्माण संस्थाओं की जमीन खरीदने वालों में खासी दहशत फैली हुई है। रसूखदार भूमाफियाओं के प्रभाव में आकर जमीन खरीदने वाले बारह लोगों ने प्रशासन को जमीन सिरेंडर का आवेदन दिया है। देवी अहिल्या संस्था, श्रीराम गृह निर्माण, जाग्रति गृह निर्माण संस्था की 44 एकड़ से ज्यादा जमीन छोड़ने की पेशकश खरीददार कर चुके है। इस जमीन का बाजार भाव 1700 करोड़ के लगभग है। जमीन सिरेंडर के जो आवेदन मिले है उनमे देवी अहिल्या संस्था की 9, श्रीराम संस्था की 3 और जाग्रति गृह निर्माण की 2 रजिस्ट्रियां शामिल है।

रेवड़ी की तरह बांट दी गई जमीन –
इंदौर में भूमाफियाओं के रसूख का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि तमाम कानून को तांक पर रख गृह निर्माण संस्थाओं की जमीने रेवड़ी की तरह बांट दी गई। यह सारा काम डमी अध्यक्षों के हाथ से करवाया जो आज भागते फिर रहे है। बॉबी ने सूदन को देवी अहिल्या संस्था का अध्यक्ष बनवाया था जिसके जरिए अयोध्यापुरी कॉलोनी की 8 एकड़ से ज्यादा जमीन सुरेंद्र संघवी, दीपक जैन उर्फ दिलीप सिसोदिया उर्फ मद्दा, कई केसों में फरार चल रहा भूमाफिया अरूण डागरिया का साला अतुल सुराणा 14 लोगों के नाम कर दी गई। महालक्ष्मी नगर की 37 एकड़ से ज्यादा जमीन सूदन के ही जरिए 10 लोगों को बैची गई। इसी प्रकार मजदूर पंचायत संस्था की पुष्पविहार कॉलोनी में 4 एकड़ से ज्यादा जमीन संस्था मेनेजर नसीम हैदर के हाथों मल्हार होटल्स प्रा.लि के गुरमित पिता भगत सिंह छाबड़ा, केशव नाचानी और ओमप्रकाश धनवानी को बैची गई।

कब्जा मुक्त हुई चार कॉलोनियों की फैक्ट फाइल –

देवी अहिल्या श्रमिक कामगार सहकारी संस्था –
कॉलोनी – अयोध्यापुरी कॉलोनी
कुल जमीन – 3 लाख 76 हजार 629 वर्गफुट
बाजार भाव – 564 करोड़ 94 लाख 35 हजार रुपए

देवी अहिल्या श्रमिक कामगार सहकारी संस्था –
कॉलोनी – श्री महालक्ष्मी नगर
कुल जमीन – 16 लाख 14 हजार 263 वर्गफुट
बाजार भाव – 1614 करोड़ 26 लाख 30 हजार रुपए

मजदूर पंचायत गृह निर्माण संस्था –
कॉलोनी – पुष्पविहार कॉलोनी
कुल जमीन – 30 लाख 90 हजार 146 वर्गफुट
बाजार भाव – 4635 करोड़ 21 लाख 90 हजार रुपए

श्रीराम गृह निर्माण संस्था –
कॉलोनी – श्रीराम कॉलोनी
कुल जमीन – 2 लाख 17 हजार 430 वर्गफुट
बाजार भाव – 76 करोड़ 10 लाख 5 हजार रुपए