आबिद कामदार इंदौर। किसी प्रदेश या देश की तरक्की वहां की अत्याधुनिक तकनीक, तरक्की और लाइफ स्टाइल से पहचानी जाती हैं। लेकिन उसकी असली संपदा वहां की संस्कृति और आर्ट होता है। अपनी अत्याधुनिकता और अपनी संस्कृति के समावेश को एक धागे में मोतियों की तरह पीरो कर ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर तैयार है। गगनचुंबी इमारतों के बीच आयोजन समारोह पर एक खूबसूरत झोपड़ी का निर्माण किया जा रहा है।
बांस, जूट और घांस से निर्मित झोपड़ी
आयोजन में हमारे अतीत और संस्कृति की बानगी बयां करती एक झोपड़ी का निर्माण किया जा रहा है। बांस, लकड़ी, घांस, और जूट की बोरियों की मदद से बनाई यह झोंपड़ी आकर्षण का केंद्र है। वहीं झोपड़ी को सजाने के लिए लकड़ियों से बनी टोकरियों और अन्य आदिवासी कला से निर्मित चीजों को तैयार किया जा रहा है।