इंदौर। भारी बारिश के चलते शहर और आसपास के गांवों व कस्बों में ग्रिड, फीडर व ट्रांसफॉर्मर के आसपास पानी भराने से लगभग 40 स्थानों से विद्युत प्रदाय सुरक्षा कारणों से बंद करना पड़ा। शाम 4 बजे 98 फीसदी स्थानों पर बिजली आपूर्ति व्यवस्था सामान्य हो गई। शहर में चार दशकों के सबसे ज्यादा पानी गिरने से बिजली वितरण व्यवस्था भी प्रभावित हुई। शहर के 26 और ग्रामीण क्षेत्र के 14 फीडर पानी से बंद करना पड़े। इसके साथ ही जिले में लगभग 250 ट्रांसफॉर्मर के आसपास पानी जमा होने से सुरक्षा कारणों से बिजली वितरण कुछ समय के लिए रोका गया।
दोपहर बाद लगभग 98 फीसदी जगह स्थिति सामान्य कर दी गई। इंदौर शहर में लगभग 30 स्थानों पर पेड़ और शाखाएं गिरने से व्यवस्था बाधित हुई, वहीं पालदा नाका ग्रिड, कनाड़िया ग्रिड, धार रोड स्थित नावदा ग्रिड पर पानी भराने से लगभग चार घंटे आपूर्ति प्रभावित हुई। पालदा ग्रिड से दोपहर 3:30 बजे स्थिति सामान्य कर दी गई, जबकि नावदा व कनाड़िया ग्रिड से पानी की निकासी के प्रयास प्रशासन व स्थानीय निकायों के सहयोग से किए जा रहे हैं। शहर व आसपास के इलाकों के लगभग 250 ट्रांसफॉर्मरों के पास पानी भराने से दो से तीन घंटे आपूर्ति प्रभावित हुई। शाम 4 बजे इनमें से 175 ट्रांसफॉमरों से आपूर्ति सामान्य कर दी गई।
शहर के लोकमान्य नगर में नगर निगम द्वारा खतरनाक भवन गिराने व रानीपुरा में बस्तियों में पानी घुसने से प्रशासन ने आपूर्ति बंद कराई थी। पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने आपूर्ति की व्यवस्था की पल-पल की जानकारी ली व निर्देश दिए । शहर अधीक्षण यंत्री श्री कामेश श्रीवास्तव ने बताया कि लगभग 60 इंजीनियर और 350 कर्मचारियों ने आपूर्ति सामान्य करने में अथक परिश्रम किया। इंदौर ग्रामीण के अधीक्षण यंत्री श्री डीएन शर्मा ने बताया कि 50 इंजीनियर व 250 कर्मचारियों ने इंदौर नगर सीमा के पास के क्षेत्रों के साथ, देपालपुर, महू, सांवेर, पीथमपुर रोड आदि की बिजली व्यवस्था समय पर सामान्य करने में मुस्तैदी से कार्य किया। बिजली संबंधी 2000 शिकायतों का का निराकरण किया गया। भारी वर्षा के बाद भी 11 केवी के मात्र 10 फीसदी फीडर प्रभावित हुए।