Indore : कल मनाई जाएगी देवी अहिल्याबाई की 227वी पुण्यतिथि, शाम को निकलेगी भव्य पालकी यात्रा

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इंदौर। प्रातः स्मरणीय देवी अहिल्याबाई की 227 पंडित जी शुक्रवार 26 अगस्त को धूमधाम से मनाई जाएगी। इस दिन प्रातः 8:00 बजे से देर रात को विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन अहिल्या समिति, इंदौर के तत्वावधान में संपन्न होंगे। अहिल्योत्सव समिति की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, संयोजक शंकर लालवानी, कार्यकारी अध्यक्ष अशोक डागा
तथा मीडिया प्रभारी रामस्वरूप मूंदड़ा ने बताया कि प्रातः 8:00 बजे अहिल्या उद्धान राजवाडा पर देवी अहिल्या की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया जाएगा। प्रातः 9:00 गोपाल मंदिर पर देवी अहिल्या बाई के चित्र का पूजन होगा तथा आह्वान भी किया जाएगा।

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उत्सव प्रभारी सुधीर देडगे, मंत्री सरयू वाघमारे एवं कमलेश नाचन ने बताया कि प्रातः 10:00 इंद्रेश्वर महादेव मंदिर पंढरीनाथ पर भगवान शिव का रुद्राभिषेक भी इस अवसर पर संपन्न होगा। मुख्य समारोह दोपहर 3:30 बजे गांधी हाल में होगा इसमें गुणीजन सम्मान तथा पुरुस्कार वितरण किया जाएगा। समारोह के मुख्य अतिथि डॉ विकास में पूर्व सांसद राज्यसभा होंगे। अन्य अतिथि शैतान सिंह पाल, पूर्व अध्यक्ष पशुधन आयोग, सांसद शंकर लालवानी, कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट , महापौर पुष्यमित्र भार्गव एवं आईडी अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा होंगे।

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शाम 5:30 बजे सांसद लालवानी के नेतृत्व में देवी अहिल्याबाई की भव्य पालकी यात्रा लाव लश्कर के साथ गांधी हाल से प्रारंभ होगी। इस पालकी यात्रा में झंडा सिंह व्यायामशाला एवं मल्हारी मार्तंड व्यायामशाला के अखाड़े में शामिल होंगे। देवी अहिल्या की पालकी के पहले बीएसएफ का बैंड इस बार विशेष रूप से पालकी यात्रा में शामिल रहेगा। महापुरुषों की वेशभूषा में युवा युवती अश्व पर सवार रहेंगे। देवी अहिल्याबाई की प्रतिकृति के रूप में एक युवती को भी शृंगारित कर पालकी यात्रा में शामिल किया जाएगा। पालकी यात्रा में नेपाली समाज, बोहरा समाज सहित विभिन्न समाजों के लोग भी शामिल होंगे।

इस वर्ष जवाहर मार्ग पर नहीं जाएगी पालकी यात्रा

मीडिया प्रभारी रामस्वरूप मूंदड़ा ने बताया कि यातायात सुधार के लिए महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा किए जा रहे प्रयासों के तहत इस वर्ष पालकी यात्रा के मार्ग को छोटा कर दिया गया है। कृष्णपुरा छत्री से हर वर्ष नंदलालपुरा जवाहर मार्ग यशवंत रोड से गोपाल मंदिर जाने वाली पालकी यात्रा इस बार कृष्णपुरा मंदिर से सीधे राजवाड़ा होते हुए गोपाल मंदिर पहुंचेगी। जवाहर मार्ग पर पालकी यात्रा से यातायात काफी बाधित होता था इसलिए समिति ने यह निर्णय लिया गया है।