नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने के लिए सहमति बन गई है। दरअसल, बीते कल दोनों देशों के बीच 2003 का युद्धविराम समझौता अब सख्ती से लागू होगा। युद्धविराम के लिए नए सिरे से समझौता हुआ है। कल दोनों देशों के डीजीएमओ यानी डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन के बीच बात हुई जिसमें युद्धविराम पर नए सिरे से सहमति बनी है। दोनों देशों ने कहा है कि युद्धविराम का समझौता सख्ती से लागू होगा और दोनों देश इसे मानेंगे।
साल 2003 में प्रधानमंत्री वाजपेयी और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति मुशर्रफ के बीच ये समझौता हुआ था, लेकिन पाकिस्तान की तरफ से इसका उल्लंघन होता रहा है। दिल्ली में सेना दिवस समारोह के दौरान आर्मी चीफ जनरल नरवणे ने बताया था कि एलओसी पर पाकिस्तान द्वारा सीजफायर उल्लंघन में लगभग 44 फीसदी की वृद्धि हुई है। गत वर्ष 28 दिसंबर तक, पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन की 4,700 घटनाओं को अंजाम दिया, जो पिछले 17 सालों में सबसे अधिक है।
साथ ही सेना प्रमुख ने बताया कि पिछले साल आतंकवाद-रोधी अभियानों में लगभग 200 आतंकवादी मारे गए। पूर्वोत्तर राज्यों की स्थिति के बारे में बात करते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि पिछले एक साल में लगभग 600 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया और भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए। आतंकवाद रोधी ग्रिड के मजबूत होने से जम्मू और कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों में कमी आई है।