भारत की वैक्सीन डेप्लोमेसी चीन को नहीं हो रही हजम, अब फैला रहा झूठ

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16 जनवरी से देश भर में वैक्सीनेशन का पहला चरण शुरू किया जा चुका हैं। वहीं अब जल्द ही इसका दूसरा चरण शुरू किया जाएगा। ऐसे में भारत ने अपने पड़ोसी देशों की ओर भी मदद का हाथ बढ़ाया है। बताया जा रहा है कि भारत अपने करीब 10 पड़ोसी देशों को वैक्सीन सप्लाई करने जा रहा है।

जिनकी लिस्ट में भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और सेशेल्स सहित और भी कई देश शामिल है। वहीं श्रीलंका, अफगानिस्तान, और मॉरिशस से बातचीत चल रही है। भारत में चल रही वैक्सीनेशन की ये कामयाबी चीन को हजम नहीं हो रही। बता दे, लिहाजा चीन मेड इन इंडिया वैक्सीन कोविशील्ड का दुष्प्रचार करने में जुटा है।

जानकारी के मुताबिक, चीन की सरकार ने भारत के वैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग क्षमता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ये दावा किया है कि चीन में रहने वाले भारतीय चीनी वैक्सीन को तरजीह दे रहे हैं। पेशेंट्स राइट्स ग्रुप ऑल इंडिया ड्रग एक्शन नेटवर्क का कहना है कि सीरम ने कोविशील्ड को लेकर ब्रीजिंग स्टडी को पूरा नहीं किया है।

बता दे, चीन ने बहुत कम रेट पर उन देशों को वैक्सीन देने का ऑफर दिया है, जहां वह राजनीतिक और आर्थिक रूप से अपने पैर पसारना और प्रभाव जमाना चाहता है। अब देखना ये होगा की क्या वो इस ऑफर को मानते है या फिर इसे ठुकरा देते हैं।

दरअसल, चीन ने जिन देशों को ऑफर दिया है उनमे शामिल है नेपाल और मालदीव। नेपाल में ड्रग रेगुलेटर ने अभी तक चीनी वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी ह। जबकि, मालदीव सरकार के सूत्रों का कहना है कि चीन की तरफ से कोविड-19 वैक्सीन की किसी भी तरह की सप्लाई को लेकर कोई संकेत नहीं मिले हैं।