भारत की बड़ी डिप्लोमैटिक जीत, कतर में मौत की सजा पाने वाले नौसेना के 8 पूर्व सैनिक रिहा

ravigoswami
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भारतीय कूटनीति की बड़ी जीत हुई है। जहां कतर में मौत की सजा काट रहे 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को रिहा कर दिया गया है। बता दें कतर की एक अदालत ने अक्टूबर में भारत सरकार को तब स्तब्ध कर दिया जब एक मामले में पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा सुना दी।  कतर सरकार ने पूर्व नौसेना अधिकारियों पर लगे आरोपों का खुलासा नहीं कियाए लेकिन रिपोर्टों में दावा किया गया कि उन पर जासूसी का आरोप लगाया गया थाण् लेकिन भारत की कूटनीतिक दखल के बाद कतर ने सजा को माफ कर दिया। अब आखिरकार इन पूर्व नौसैनिकों को कतर ने रिहा कर दिया।

पूरा मामला क्या था
दरअसल कतर की सरकार ने इन आठ नौसैनिकों के खिलाफ लगे आरोपों का खुलासा नहीं किया। हालांकि द फाइनेंशियल टाइम्स ने बताया कि उन्हें कतर की पनडुब्बी प्रोग्राम के लिए इजरायल के लिए जासूसी करने के संदेह में गिरफ्तार किया गया था। भारत सरकार ने आरोपों को लेकर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन उसने अपने नागरिकों के साथ उचित व्यवहार की करने पर जोर दिया था।

कतर के शेख से पीएम मोदी ने की थी मुलाकात
पीएम मोदी ने दुबई में g20 28 शिखर सम्मेलन के मौके पर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल। थानी से मुलाकात की और द्विपक्षीय साझेदारी और कतर में रहने वाले भारतीय समुदाय की भलाई पर चर्चा की। बता दें भारत और कतर के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। दोनों देशों के बीच मजबूत व्यापारिक संबंध हैं। ऐसे में भारत ने शुरू से ही इस मामले को लेकर कतर से बातचीत जारी रखी। इस मीटिंग में पीएम मोदी ने पूर्व भारतीय नौसैनिकों की रिहाई के मसले पर बात की।

बता दें कि जेल से रिहा हुए ये पूर्व नौसैनिक दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टिंग सर्विसेज में काम करते थे। कतर ने इन्हें पिछले साल गिरफ्तार किया। कंपनी ने इस कंपनी को भी बंद कर दिया। जिन भारतीयों को गिरफ्तार किया गया था, उसमें कमांडर (रिटायर्ड) पूर्नेंदु तिवारी, कैप्टन (रिटायर्ड) नवतेज सिंह गिल, कमांडर (रिटायर्ड) बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन (रिटायर्ड) सौरभ वशिष्ठ, कमांडर (रिटायर्ड) सुग्नाकर पकाला, कमांडर (रिटायर्ड) अमित नागपाल, कमांडर (रिटायर्ड) संजीव गुप्ता, और सेलर रागेश शामिल थे।