नई दिल्ली। आज भारत के लिए बहुत गर्व का दिन है आज भारत को एक नहीं बल्कि ओलंपिक में दो-दो खुशखबरी मिली है। आठ बार की ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में जगह बना ली। मनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली टीम ने रविवार को क्वार्टर फाइनल में ब्रिटेन को 3-1 से मात दी। आपको बता दें कि, यह 41 साल बाद है जब पुरुष हॉकी में भारत ने ओलंपिक खेलों के सेमीफाइनल में जगह बनाई है। गौरतलब है कि, ओलंपिक में भारत और ब्रिटेन का सामना 9वीं बार हुआ और भारत ने अब जीत-हार का अपना रिकॉर्ड 5-4 कर लिया है।
आपको बता दें कि, ओलंपिक में भारत को आखिरी पदक 1980 में मॉस्को में मिला था। उस वक्त वासुदेवन भास्करन की कप्तानी में टीम ने पीला तमगा जीता था। इसके बाद से भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई और 1984 लॉस एंजिलिस ओलंपिक में पांचवें स्थान पर रहने के बाद वह इससे बेहतर नहीं कर सकी। बीजिंग में 2008 ओलंपिक में टीम पहली बार क्वालीफाई नहीं कर सकी और 2016 रियो ओलंपिक में आखिरी स्थान पर रही। बीते पांच साल में भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में काफी सुधार आया है।
जिससे वह विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंची। वहीं दो साल पहले कोच बने ऑस्ट्रेलिया के ग्राहम रीड के आने के बाद से खिलाड़ियों का आत्मविश्वास और और फिटनेस का स्तर बढ़ा। पहले दबाव के आगे घुटने टेकने वाली टीम अब आखिरी मिनटों तक हार नहीं मानती है। वहीं 41 साल के इंतजार के बाद आज भारत को वो ख़ुशी मिली और इतिहास एक बार फिर दोहराया है।