नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण के चलते इस बार संयुक्त राष्ट्र महासभा का आयोजन वर्चुअल तरीके से हो रहा है। इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने महासभा में संबोधन दिया। संबोधन के लिए जैसे ही इमरान खान का नाम लिया गया, वैसे ही यूएन जनरल असेंबली हॉल में मौजूद भारतीय प्रतिनिधि ने वॉकआउट कर दिया।
दरअसल, भारत ने यह बहिष्कार पाकिस्तान की ओर से कश्मीर मुद्दा उठाने और भारत के खिलाफ बयान देने को लेकर किया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान में झूठ, व्यक्तिगत हमला, पाक के अपने अल्पसंख्यकों पर अत्याचार और सीमा पार आतंकवाद को न देखते हुए भारत पर टिप्पणी करना शामिल रहा।
संयुक्त राष्ट्र सभा को संबोधित करते हुए इमरान खान को एक बार फिर झूठ का सहारा लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि आरएसएस गांधी और नेहरू के सेक्युलर मूल्यों को पीछे छोड़कर भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की कोशिश में लगा हुआ है।
वहीं, यूएन में भारत के स्थाई प्रतिनिधि ने इमरान खान के बयान को कूटनीतिक तौर पर निम्नस्तर का बताया। उन्होंने कहा कि इमरान खान का बयान झूठे इल्जाम लगाना, व्यक्तिगत हमले करना, अपने देश में अल्पसंख्यकों का हाल न देखकर भारत पर टिप्पणी करना शामिल था। उन्होंने कहा कि राइट टू रिप्लाई में जवाब दिया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के सत्र में भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा कि दुनिया को ऐसे देश से मानवाधिकारों पर सबक लेने की जरूरत नहीं है, जिसे नर्सरी और आतंकवाद के उपरिकेंद्र के रूप में जाना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज संयुक्त राष्ट्र सभा को संबोधित करेंगे। ऐसे में संभावना है कि पीएम मोदी अपने भाषण के दौरान पाकिस्तान को करारा जवाब दे सकते हैं।