पाक-चीन को भारतीय सेना प्रमुख ने दी चेतावनी, कहा- टकराव की आशंका से इनकार नहीं

Share on:

नई दिल्ली। आर्मी चीफ एम एम नरवणे ने आज अपने वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, देश की सेना न सिर्फ पूर्वी लद्दाख में बल्कि उत्तरी बॉर्डर पर भी हाई अलर्ट मोड में है। यहां सेना हर चुनौती से निपटने को तैयार है। उन्होंने कहा कि, पिछला साल चुनौतियों से भरा था. बॉर्डर पर तनाव था और कोरोना संक्रमण का भी खतरा था। लेकिन सेना ने इसका कामयाबी से सामना किया है।

प्रेसवार्ता में सेना प्रमुख एम एम नरवणे ने कहा कि, पाकिस्तान और चीन मिलकर भारत के लिए एक शक्तिशाली खतरा पैदा करते हैं और टकराव की आशंका को दूर नहीं किया जा सकता है। नरवणे ने कहा कि, हमने उत्तरी बॉर्डर पर और लद्दाख में उच्च स्तर की तैयारी की है और किसी भी चुनौती से निपटने को तैयार हैं।

साथ ही उन्होंने लद्दाख और उत्तरी सीमा की तैयारियों के बारे में बताते हुए कि, सेना ने सर्दियों को लेकर पूरी तैयारी की है। सेना प्रमुख ने लद्दाख की स्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि, हमें शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद है, लेकिन हम किसी भी आकस्मिक चुनौती का सामना करने को तैयार हैं। इसके लिए भारत की सभी लॉजिस्टिक तैयारी संपूर्ण है।

https://twitter.com/ANI/status/1348878985342586883?s=20

सेना प्रमुख ने आगे कहा कि, पूर्वी लद्दाख में हम चौकस है। चीन के साथ कॉर्प्स कमांडर लेवल की 8 दौर की वार्ता हो चुकी है हम अगले राउंड की वार्ता का इंतजार कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि संवाद और सकारात्मक पहल से इस मुद्दे का हल निकलेगा। उन्होंने कहा कि, किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हमारी तैयारी बेहद उच्च कोटि की है और हमारी सेना का मनोबल ऊंचा है।

साथ ही उन्होंने पड़ोसी देश पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि, पाकिस्तान अभी भी आतंकवाद के साथ गलबहियां कर रहा है, लेकिन आतंकवाद के प्रति हमारी नीति जीरो टॉलरेंस की है। हम अपने पसंद के समय, स्थान और लक्ष्य पर प्रतिक्रिया देने का अपना अधिकार सुरक्षित रखते हैं, ये स्पष्ट संदेश हमने सीमा पार बैठे पड़ोसी देश को दिया है।

आर्मी चीफ ने आगे कहा कि, इंडियन आर्मी अपने तकनीक आधारित फाइटिंग फोर्स में ढाल रही है। इस बारे में एक अध्ययन किया था और उसके आधार पर बनाए गए रोडमैप पर काम किया जा रहा है। हम भविष्य की चुनौतियों से लड़ने के लिए सेना को टेक सेवी बना रहे हैं। नरवणे ने कहा कि, पिछले साल जो गतिविधियां हुई उसने इस बात पर और जोर दिया कि हम अपनी क्षमता को बढ़ाएं। हमने सेना के आधुनिकीकरण के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए है।