लद्दाख: पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव को कम करने के लिए लगातार बातचीत का दौर जारी है, लेकिन चीन बातचीत की आड़ में अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देने में लगा रहता है। ऐसे में चीन की हर चाल का जवाब देने के लिए भारतीय सेना लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल पर पूरी तरह मुस्तैद है।
सीमा पर वायुसेना ने अपनी मुस्तैदी और बढ़ा दी है। इसी बीच यदि चीन समा को पीछे हटाने, सीमा पर सैन्य ताकत न बढ़ाने के समझौते के लिए मानता है तो भारत ने उसकी भी तैयारी की हुई है। लद्दाख के पास चुमार के हेन्ली इलाके में वायुसेना बड़े स्तर पर तैयारी में जुटी है।
लद्दाख के आसमानों में लगातार अब राफेल लड़ाकू विमान उड़ान भर रहा है। इसके अलावा मिराज 2000, मिग 29 जैसे लड़ाकू विमानों को पहले ही चीन पर नज़र रखने के लिए तैनात किया गया है। भारत पहले ही ऐसी पहाड़ियों पर कब्जा किए हुए है, जो रणनीतिक तौर पर अहम है। यही वजह है कि चीन अभी बैकफुट पर है।
बीते दिनों हुई दोनों देशों की सेनाओं के बीच बैठक में इस बात पर सहमति बनी थी कि आने वाले समय में अधिक सेना को बॉर्डर पर नहीं बुलाया जाएगा। साथ ही दोनों देश बातचीत के जरिए मसले को हल करेंगे और बॉर्डर से सेना को हटाएंगे। हालांकि, अभी ऐसा होता संभव नहीं दिख रहा है।
चीन पर अभी किसी तरह का भरोसा नहीं किया जा सकता है, इसी वजह से भारतीय सेना पूरी तरह तैयार है। सर्दियों से पहले लद्दाख सीमा के पास सैनिकों की संख्या को मजबूत किया जा रहा है। सर्दियों से जुड़ा सामान, हथियार, खाना, पेट्रोल सभी को बड़ी मात्रा में जमा किया जा रहा है।