गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज गुरु और शिष्य दोनों रूपों में नजर आए। गोरखपुर प्रवास के दौरान उन्होंने गोरक्षपीठाधीश्वर के रूप में शिवावतार महायोगी गुरु गोरखनाथ का विशेष पूजन और आराधना कर परंपरा का निर्वहन किया।
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सप्त दिवसीय श्रीराम कथा के छठवें दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने व्यासपीठ की विधिवत पूजा-अर्चना और आरती संपन्न की।
हर साल गुरुपरंपरा का निर्वहन करते हैं योगी
योगी आदित्यनाथ हर वर्ष गुरु पूर्णिमा के दिन गोरक्षपीठाधीश्वर के रूप में नाथ संप्रदाय के आदिगुरु महायोगी गोरखनाथ एवं अपने पूर्ववर्ती गुरुजनों का पूजन व स्तुति करते हैं। इसके उपरांत वे अपने शिष्यों एवं गोरक्षपीठ के श्रद्धालुओं से भेंट करते हैं। इस अवसर पर उनके शिष्य उन्हें तिलक लगाकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
अयोध्या में ऐतिहासिक रूप से मना गुरु पूर्णिमा पर्व
गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर देशभर में श्रद्धा, भक्ति और आस्था की अनुपम छवि देखने को मिली। चाहे अयोध्या का सरयू तट हो, प्रयागराज का त्रिवेणी संगम या काशी का गंगा घाट—हर स्थान पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने स्नान, पूजन और गुरु वंदना के माध्यम से अपनी आस्था को व्यक्त किया। अयोध्या धाम में इस वर्ष गुरु पूर्णिमा का उत्सव विशेष रूप से भव्य और ऐतिहासिक रहा। सरयू नदी के पवित्र घाटों पर श्रद्धालु तड़के ब्रह्म मुहूर्त से ही एकत्र होने लगे। पुरुषों, महिलाओं और बच्चों ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ स्नान कर मां सरयू का आशीर्वाद लिया। इसके पश्चात श्रद्धालु मठ-मंदिरों में पहुंचकर अपने गुरुओं के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेते नजर आए। पूरे वातावरण में ‘हर-हर महादेव’ और ‘जय गुरुदेव’ के गगनभेदी जयघोष गूंजते रहे।
त्रिवेणी संगम पर उमड़ी श्रद्धा की बाढ़
प्रयागराज में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ त्रिवेणी संगम पर उमड़ पड़ी। देशभर से आए भक्तजन गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। स्नान के उपरांत श्रद्धालु दान-दक्षिणा अर्पित कर अपने-अपने मठों और संतों के दर्शन हेतु प्रस्थान कर रहे हैं। ब्रह्म मुहूर्त से ही आस्था की डुबकी लगाने के लिए संगम तट पर श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखने को मिलीं। प्रशासन द्वारा सुरक्षा के भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं, जिसमें घाटों पर पुलिस बल और स्वयंसेवकों की विशेष तैनाती की गई है।