Maha Kumbh 2025 : 40 हजार रिचार्जेबल बल्बों से रोशन होगा मेला, UP सरकार ने किया 24 घंटे बिजली आपूर्ति का ऐलान

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By Srashti BisenPublished On: January 2, 2025

Maha Kumbh 2025 : प्रयागराज महाकुंभ 2025 के आयोजन को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं। इस महाकुंभ मेले में लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। महाकुंभ के आयोजन में केवल 2 सप्ताह से भी कम समय बाकी रह गया है, और ऐसे में सरकार ने मेले के लिए विशेष तैयारी की है।

400 करोड़ रुपये का बजट और बिजली आपूर्ति की नई योजना

उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ के लिए बिजली आपूर्ति की व्यवस्था को पूरी तरह से सुनिश्चित करने के लिए 400 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया है। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के अनुसार, मेले के लिए 182 किलोमीटर की हाई टेंशन लाइन और 1405 किलोमीटर की लो टेंशन लाइन का निर्माण किया गया है। इसके अलावा, प्रमुख स्थानों पर 40,000 से अधिक रिचार्जेबल बल्ब लगाने का निर्णय लिया गया है। इन बल्बों की खरीद के लिए लगभग 2.7 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।

श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए तैयारियां

महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, लगभग 4.5 लाख कनेक्शन शिविरों के लिए निर्धारित किए गए हैं। इन सुविधाओं से तीर्थयात्रियों को पूरी तरह से बिजली उपलब्ध होगी, जिससे उनके अनुभव में कोई विघ्न न आए।

सुरक्षा के लिए हाई-टेक कदम

प्रयागराज महाकुंभ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने तकनीकी सुविधाओं का सहारा लिया है। 2700 से अधिक एडवांस्ड कैमरे लगाए गए हैं, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित होंगे। इन कैमरों की मदद से चेहरों की पहचान और वास्तविक समय की निगरानी की जाएगी। इसके अतिरिक्त, त्रिवेणी संगम क्षेत्र में पानी के नीचे की स्थिति को देखने के लिए अंडरवाटर ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जाएगा, जो 100 मीटर तक पानी के नीचे जा सकता है।

सड़कों और पुलों का निर्माण

महाकुंभ के आयोजन के लिए, सरकार ने 92 सड़कों को फिर से तैयार किया है और 30 नए पुलों का निर्माण किया है। इसके साथ ही, 800 साइन बोर्ड विभिन्न भाषाओं में लगाए गए हैं ताकि सभी श्रद्धालुओं को जानकारी मिल सके।

महाकुंभ: दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक संगम

प्रयागराज महाकुंभ को दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक संगम के रूप में देखा जाता है। यह मेला 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा और इस दौरान श्रद्धालुओं को पवित्र संगम में स्नान करने का मौका मिलेगा, जिससे उनकी आत्मा शुद्ध होती है। भारत के प्रमुख चार तीर्थस्थलों – हरिद्वार, उज्जैन, प्रयागराज और नासिक – में हर कुछ वर्षों में कुंभ मेला आयोजित होता है, और यह आयोजन लाखों लोगों के लिए एक अत्यधिक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व होता है।