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कानपुर में GST घोटाला: 2 फर्जी फर्मों के जरिए 4.1 करोड़ की टैक्स चोरी का मामला उजागर

कानपुर में GST घोटाला: 2 फर्जी फर्मों के जरिए 4.1 करोड़ की टैक्स चोरी का मामला उजागर

राज्य कर विभाग (State Tax Department) ने कानपुर में दो फर्जी फर्मों के जरिए करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी के बड़े मामले का खुलासा किया है। इस मामले में मेरठ निवासी विवेक और उन्नाव निवासी दीपक हरिपाल यादव के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। दोनों पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए फर्म रजिस्ट्रेशन करवाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के नाम पर सरकार को 4.1 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है।

पहला मामला: विवेक और VK इंटरप्राइजेज

राज्य कर अधिकारी गोपाल कृष्ण सारस्वत की शिकायत पर कल्याणपुर थाने में दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, विवेक, निवासी मेरठ, ने वीके इंटरप्राइजेज नाम से एक फर्म रजिस्टर करवाई, जिसमें फर्म का पता प्रियदर्शनी नगर, उन्नाव दिखाया गया। जांच में पता चला कि उक्त पता एक सामान्य रिहायशी मकान है, वहां कोई दुकान, गोदाम या ऑफिस नहीं है।

दूसरा मामला: दीपक हरिपाल यादव और श्रीश्याम सप्लायर

दूसरे केस में दीपक हरिपाल यादव, निवासी उन्नाव, ने श्रीश्याम सप्लायर नाम की फर्म रजिस्टर कराई। उसने अपने व्यवसाय का पता गंगाघाट, उन्नाव बताया और प्लास्टिक उत्पादों की खरीद-बिक्री का दावा किया। राज्य कर विभाग की टीम ने जब मौके पर जाकर जांच की, तो पता चला कि वहां कोई व्यापारिक गतिविधि नहीं हो रही थी, यानी फर्म पूरी तरह से फर्जी थी।

कानूनी कार्यवाही और जांच

राज्य कर विभाग की शिकायत पर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ IPC की विभिन्न धाराओं और जीएसटी कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
फिलहाल पुलिस और राज्य कर विभाग दोनों ही स्वतंत्र रूप से जांच में जुटे हुए हैं। मामले में दस्तावेजों की जांच, बैंक खातों की ट्रेसिंग और लेन-देन की फॉरेंसिक पड़ताल की जा रही है।

विभाग की चेतावनी

राज्य कर विभाग ने व्यापारियों और जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराने वालों को चेतावनी दी है कि वे फर्जी दस्तावेजों या गलत जानकारी से बचें, क्योंकि विभाग की जांच टीम अब लगातार फील्ड में सक्रिय है और ऐसे मामलों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

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