देशभर में बुधवार को केंद्रीय एवं क्षेत्रीय ट्रेड यूनियनों से संबद्ध कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। इस कारण बैंकिंग, डाक और अन्य आवश्यक सेवाओं के प्रभावित होने की आशंका है। कर्मचारी संगठनों का यह विरोध नया श्रम संहिता लागू करने और निजीकरण की नीति के खिलाफ है। साथ ही वे न्यूनतम वेतन को ₹26,000 करने और पुरानी पेंशन योजना की बहाली जैसी मांगों को लेकर भी आंदोलनरत हैं।
एक ट्रेड यूनियन प्रतिनिधि ने बताया कि हड़ताल के चलते बैंकिंग, बीमा, डाक, कोयला खनन, राजमार्ग निर्माण और अन्य क्षेत्रों की सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। CITU, INTUC और AITUC जैसी प्रमुख केंद्रीय यूनियनें चारों श्रम संहिताओं को वापस लेने, ठेकाकरण और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण पर रोक लगाने की मांग कर रही हैं। इसके अलावा, वे न्यूनतम वेतन को ₹26,000 प्रति माह करने, स्वामीनाथन आयोग के ‘सी2 प्लस 50%’ फॉर्मूले पर आधारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने और किसानों के लिए ऋण माफी जैसी मांगों को भी प्रमुखता से उठा रही हैं।
हड़ताल की गूंज भोपाल तक, कई सेवाओं पर पड़ेगा असर
राजधानी भोपाल में भी हड़ताल का व्यापक प्रभाव देखने को मिल सकता है। विभिन्न संगठनों से जुड़े श्रमिक सुबह 10:30 बजे इंदिरा प्रेस कॉम्प्लेक्स (डाक भवन के पास) के सामने एकत्रित होंगे। इसके बाद, वे सुबह 11 बजे एकजुट होकर रैली निकालेंगे और सभा का आयोजन करेंगे, जहां केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में नारेबाजी की जाएगी। हड़ताल के चलते भोपाल में बैंकिंग और डाक सेवाओं के प्रभावित रहने की संभावना है, जबकि अन्य कई सार्वजनिक सेवाएं भी बाधित हो सकती हैं। हालांकि रेलवे यूनियनों ने औपचारिक रूप से इस हड़ताल में भाग नहीं लिया है, लेकिन उन्होंने आंदोलन को नैतिक समर्थन देने की बात कही है।
CITU का ऐलान, विरोध में सड़कें होंगी जाम
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (CITU) की राष्ट्रीय सचिव ए.आर. सिंधु ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्रों में व्यापक विरोध-प्रदर्शन किए जाएंगे। हालांकि सभी असंगठित क्षेत्र के श्रमिक प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं हो सकेंगे, लेकिन उन्हें भी इस आंदोलन से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि सड़कों पर जाम लगाया जाएगा और जरूरत पड़ने पर ट्रेनों को भी रोका जाएगा।