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ये है नरोत्तम मिश्रा की कथनी और करनी में अंतर

narottam mishra

भोपाल। यूं भले ही सूबे की शिवराज सरकार (Shivraj Government) के मंत्रियों द्वारा मास्क लगाने के साथ ही कोरोना (Corona virus) की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की जा रही हो लेकिन स्वयं कोई मंत्री इसी मामले में कथनी और करनी में अंतर करें तो इसे फिर क्या कहा जाएगा। मामला भोपाल में प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का है। जानकारी मिली है कि राजधानी में मिश्रा ने मास्क जागरूकता अभियान रैली का शुभारंभ किया था,

इस दौरान उन्होंने लोगों से मास्क लगाने की अपील की तथा स्वयं ने भी मास्क लगा रखा था लेकिन जैसे ही रैली आगे रवाना हुई वैसे ही मंत्री जी ने अपने चेहरे से मास्क को हटा दिया। करीब एक घंटे से अधिक समय तक मंत्री महोदय बगैर मास्क लगाए ही अपने समर्थकों के साथ बतियाते दिखाई दिए। बताया तो यह भी जा रहा है कि गृह मंत्री को वहां मौजूद किसी पत्रकार ने मास्क नहीं पहनने की बात को लेकर टोका भी था लेकिन उन्होंने इस टोका टाकी पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया।

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आम ओर खास लोगों में यही है अंतर

गौरतलब है कि प्रदेश में अभी कोरोना की विकट स्थिति है। अमुमन हर दिन ही हजारों की संख्या में कोरोना के मरीज सामने आ रहे है। हालांकि मरीज स्वस्थ्य होकर भी अपने घरों पर जा रहे है लेकिन बावजूद इसके कोरोना से बचाव के लिए मास्क लगाना जरूरी माना गया है। लेकिन प्रदेश सरकार के मंत्री ही मास्क नहीं लगाकर घंटों लोगों के बीच घिरे रहे तो इसे क्या कहेंगे। अर्थात आम और खास लोगों में यही अंतर है कि वे कोरोना नियमों का पालन नहीं करें जबकि आम लोगों को नियमों का पालन करना अनिवार्य है अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है।

शिव और मोदी भी कर रहे अपील

बता दें कि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के साथ ही देश के पीएम नरेन्द्र मोदी भी नागरिकों से यह अपील कर रहे है कि वे चेहरे पर मास्क लगाए तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। प्रदेश सरकार ने कोरोना से बचाव के लिए कुछ पाबंदियां भी लगा रखी है तथा लोगों से मास्क लगाने की अपील की जा रही।

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