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निमाड़ पर चढ़ा भगोरिया का रंग, ढोल-मांदल की थाप पर थिरकते नजर आए राज्यसभा सांसद

निमाड़ पर चढ़ा भगोरिया का रंग, ढोल-मांदल की थाप पर थिरकते नजर आए राज्यसभा सांसद

Bhagoriya Utsav: इन दिनों मध्यप्रदेश के निमाड़ अंचल में भगोरिया का रंग चढ़ा हुआ है। चारो ओर भगोरिया उत्सव की धूम मची हुई है। साथ ही भगोरिया पर्व के चलते जगह जगह पर मेलों का आयोजन भी किया जा रहा है। मेले में आदिवासी युवक-युवतियों के अलावा कई गांवो से लोग भगोरिया देखने पहुँच रहे है। आपको बता दे कि भगोरिया उत्सव सालभर में एक बार मनाया जाता है, जिसको लेकर आदिवासी समुदाय में बड़ा उत्साह नजर आता है।

खरगोन जिले में भगोरिया की धूम

एमपी के खरगोन जिले में इन दिनों होली पर्व के साथ-साथ भगोरिया उत्सव की धूम मची हुई है। भगोरिया में शामिल होने के लिए लोग आदिवासी वेशभूषा में सज-धज कर पहुंच रहे हैं. मेले का आनंद लेने के लिए आसपास के क्षेत्रों से भी लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे है। गौरतलब है कि खरगोन जिले के सिरवेल में लगने वाला ये भगोरिया मेला आदिवासी पहाड़ी अंचल का सबसे अच्छा हॉट बाजारों में से एक माना जाता है।

ढोल की थाप पर थिरकते हुए नजर आए राज्यसभा सांसद

भगोरिया में शामिल होने के लिए बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी और आदिवासी राष्ट्रीय आयोग अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य भी खरगोन पहुंचे और ढोल की थाप पर थिरकते हुए नजर आए।

सदियों पुरानी परंपरा आज भी है जारी

इस पर्व को लेकर काफी पुरानी मान्यता है कि भगोरिया की शुरुआत राजा भोज के समय हुई थी। जब दो भील राजा कासूमार और बालून ने अपनी राजधानी भगोर में मेला आयोजित करना शुरू किया था। उसी समय से लोगों में उत्साह तेजी से बढ़ते गया और बाजार को मजबूती देने की कोशिश में अन्य भील राजाओं नेभी इस परंपरा को पसंद करते हुए कई जगहों पर भगोरिया मेला आयोजित करना शुरू हुआ तब से यह परंपरा में परिवर्तित हो गया जो सदियों से जारी है।

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