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शहर को स्वच्छ बनाने में महिलाओं का विशेष योगदान, जैविक खाद उत्पादन ने खोली तरक्की की राह

शहर को स्वच्छ बनाने में महिलाओं का विशेष योगदान, जैविक खाद उत्पादन ने खोली तरक्की की राह

इंदौर 8 मार्च, 2021:  मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो न ही संसाधनों की कमी खलती है और न रुकावटें आड़े आती हैं। महिलाओं की इसी दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रत्यक्ष उदाहरण है इंदौर का श्री सांई स्व-सहायता समूह। श्री सांई स्व-सहायता समूह का गठन लॉकडाउन के दौरान आर्थिक समस्याओं से जूझ रही महिलाओं को स्वाबलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से जुलाई 2020 में किया गया था।

समूह का संचालन देपालपुर तहसील के कालीबिल्लोद गांव में किया जा रहा है। समूह में 12 महिलाएं सदस्य के रूप में ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन एवं स्वच्छता टैक्स वसूली की गतिविधि में सहभागीता निभा रही हैं। 12 सदस्यीय इस समूह में कार्य विभाजन कर दो सदस्य डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के दौरान गीला एवं सूखा कचरा अलग कर कचरा वाहन में डालती है। दो सदस्य प्रति घर 50 रूपये के मान से कचरा कर की वसूली करती है, 6 सदस्य कचरा शेड पर आने वाले सूखे कचरे की छटाई करती है तथा अन्य दो सदस्य जैविक खाद निर्माण के कार्य में संलग्न है।

समूह की सदस्य संतोषी बताती है कि प्रतिदिन लगभग 1200 किलोग्राम गीले कचरे से 300 किलोग्राम जैविक खाद तैयार किया जा रहा है, जिसे स्थानीय किसानों और नर्सरी को बेचा जायेगा। हमारे द्वारा जो कचरा अलग किया जाता है उसे हम प्रत्येक माह के अंत में अनुबंधित वेंडर को बेच देते है। इस तरह समूह को प्रतिमाह सूखे कचरे से 30 हजार रूपये तथा स्वच्छता कर के संग्रहण से एक लाख रूपये की आय हो रही है। ग्राम पंचायत द्वारा समूह को प्रोत्साहन राशि के रूप में 20 हजार रूपये प्रदान किये जा रहे है। इस तरह से वर्तमान में समूह को 80 हजार की बचत हो रही है। उन्होंने बताया कि इन्दौर जिले में 17 से 21 मार्च तक कृषि महाविद्यालय में आयोजित होने वाले जैविक कृषि मेले में भी समूह की सदस्यों द्वारा जैविक खाद विक्रय किया जायेगा।

समूह सदस्य ममता ने बताया कि श्री सांई स्व-सहायता समूह से जुड़ने के बाद सदस्यों की आर्थिक सशक्तिकरण के साथ ही समाज में हमारा सम्मान भी बढ़ा है। उन्होंने बताया कि समूह सदस्य द्वारा अर्जित की गई सफलता के बाद अब वे जिले की अन्य पंचायतों में भी महिलाओं को प्रशिक्षण देंगे। कोरोना काल में लॉकडाउन के समय समूह के द्वारा लोगों को जागरूक करने का काम भी किया गया है। श्री सांई स्व-सहायता समूह की महिलाएं अब सफलता की नई उचाईयों को छूने के उद्देश्य से गांव में उपलब्ध जमीन को लीज पर लेकर जैविक खेती के कार्य को भी आगामी माह में प्रारंभ करेंगी।

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