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अंतरिक्ष से धरती की ओर रवाना होंगे शुभांशू शुक्ला, जानें क्या होती है Undocking प्रक्रिया

अंतरिक्ष से धरती की ओर रवाना होंगे शुभांशू शुक्ला

भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक और महत्वपूर्ण पल जुड़ने जा रहा है। Axiom-4 मिशन पर गए भारत के दूसरे अंतरिक्षयात्री शुभांशू शुक्ला आज यानी 14 जुलाई 2025 को अंतरिक्ष से धरती पर लौटने जा रहे हैं। उनकी वापसी की प्रक्रिया शाम 4 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से शुरू होगी, जब उनका Dragon स्पेसक्राफ्ट Undocking की प्रक्रिया से गुजरेगा।

Undocking क्या है?

जब दो अंतरिक्षयान, जो एक-दूसरे से जुड़े होते हैं, उन्हें अलग किया जाता है, तो उसे Undocking कहा जाता है। यह प्रक्रिया तीन मुख्य चरणों में पूरी होती है:
1. रिलीज़ स्टेप: स्पेसक्राफ्ट के कनेक्शन को खोलने की प्रक्रिया
2. सेपरेशन स्टेप: थ्रस्टर फायर कर स्पेसक्राफ्ट को धीरे-धीरे अलग किया जाता है
3. सेफ डिस्टेंस स्टेप: अलग हुए स्पेसक्राफ्ट को सुरक्षित दूरी पर ले जाया जाता है ताकि टकराव की संभावना न रहे
इस पूरी प्रक्रिया के बाद स्पेसक्राफ्ट धरती की ओर प्रस्थान करता है।

2 बजे Dragon में सवार होंगे शुभांशू

शुभांशू शुक्ला आज दोपहर 2 बजे अपने अंतरिक्षयान Dragon में सवार होंगे। इसके दो घंटे बाद, शाम 4 बजे, ISS से Undocking की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके बाद उनकी पृथ्वी पर वापसी की यात्रा करीब 22.5 घंटे की होगी।
15 जुलाई को दोपहर 3 बजे, शुभांशू और उनकी टीम की कैलिफोर्निया तट पर सुरक्षित लैंडिंग होगी। इसके लिए SpaceX की टीम पहले से तैनात है।

राकेश शर्मा को किया याद

Axiom-4 मिशन से वापसी से पहले रविवार 13 जुलाई को शुभांशू और उनकी टीम के लिए ISS पर विदाई समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान शुभांशू ने भारत के पहले अंतरिक्षयात्री राकेश शर्मा को याद करते हुए कहा:
“हम आज भी यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है। आज का भारत आत्मविश्वासी, निडर और गर्व से भरा हुआ दिखता है। यही कारण है कि मैं दोबारा कहना चाहता हूं – ‘सारे जहाँ से अच्छा’।”

कैसे होगी लैंडिंग

Dragon अंतरिक्षयान एक ऑटोनोमस स्पेसक्राफ्ट है, जो खुद से Undocking करता है। पृथ्वी की ओर आते समय जब यह वातावरण में प्रवेश करेगा, तो इसका ट्रंक हिस्सा अलग हो जाएगा और स्पेसक्राफ्ट 1600°C तापमान तक एक्सपोज होगा।
इसके बाद:
• पहली स्टेज के पैराशूट 5–7 किलोमीटर की ऊंचाई पर खुलेंगे
• दूसरी स्टेज के पैराशूट 2 किलोमीटर की ऊंचाई पर खुलेंगे
• इस तकनीकी प्रक्रिया के बाद सभी क्रू सदस्य सुरक्षित रूप से कैलिफोर्निया तट पर उतरेंगे।

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