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‘राममंदिर’ एक वास्तविकता है… विरोध करने की कोई जरूरत नहीं, इस मुस्लिम नेता के बयान ने मचाया बवाल

'राममंदिर' एक वास्तविकता है... विरोध करने की कोई जरूरत नहीं, इस मुस्लिम नेता के बयान ने मचाया बवाल

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से मुस्लिम पक्ष नाराज हो गया था. ऐसे में कई मुस्लिम धर्मगुरू मंदिर के स्थापना पर सवाल भी उठाने लगें थे . वहीं अब इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की केरल इकाई के अध्यक्ष पी. सैय्यद सादिक अली शिहाब थंगल राम मंदिर के बारे में अपने बयान को लेकर विवादों में घिर गए. थंगल ने हाल में कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का विरोध करने की कोई जरूरत नहीं है, यह देश में धर्मनिरपेक्षता को मजबूत करेंगे.

इतना ही नही थंगल ने वीडियो में कहा, हमें इसका विरोध करने की कोई जरूरत नहीं है. मंदिर, अदालत के आदेश के आधार पर बना और बाबरी मस्जिद का निर्माण होने वाला है. ये दोनों अब भारत का हिस्सा हैं. राम मंदिर और प्रस्तावित बाबरी मस्जिद हमारे देश की धर्मनिरपेक्षता को मजबूत बनाने के दो सबसे अच्छे उदाहरण है.आपको बता दें केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ का एक प्रमुख सहयोगी और मुस्लिम समुदाय के बीच अच्छा-खासा प्रभाव रखने वाला राजनीतिक दल है.

वही थंगल के इस बयान से सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने आईयूएमएल नेता पर निशाना साधा है,  हलाकि कांग्रेस और आईयूएमएल ने थंगल का बचाव करते हुए कहा कि वह नफरत और समाज को बांटने के प्रयासों से संबंधित अभियान को रोकने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि इसे (बाबरी मस्जिद को) कारसेवकों ने नष्ट कर दिया था और हमने उस समय इसका विरोध किया था.

इस बयान पर आईएनएल के स्टेट सेक्रेटरी कासिम इरिक्कुर ने कहा, वो दिन दूर नहीं जब आईयूएमएल के कार्यकर्ता थंगल के विरोध में सड़कों पर उतरेंगे. मंदिर से धर्मनिरपेक्षता मज़बूत होगी, ये कहकर थंगल आरएसएस और संघ परिवार की लाइन पर चल रहे हैं.जब संघ ने देश की दूसरी मस्जिदों पर अपना दावा कियाए तब थंगल ने समाज को धोखा किया. समझदार केरल थंगल को उचित जवाब देगा.

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