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जैविक खाद यूनिट लगाने पर सरकार दे रही हैं 10,000 रूपये, ऐसे उठाएं योजना का लाभ

Organic Fertilizer

आज के समय में जब रासायनिक खाद मिट्टी की गुणवत्ता को नुकसान पहुँचा रही है, ऐसे में जैविक खाद एक वरदान बनकर सामने आई है। जैविक खाद न केवल मिट्टी को उपजाऊ बनाती है, बल्कि खेती की लागत भी कम करती है। इसके उपयोग से पौधों को भरपूर पोषक तत्व मिलते हैं और मिट्टी की संरचना में भी सुधार होता है।

दूसरी ओर, रासायनिक खाद भले ही तात्कालिक उपज बढ़ा दे, लेकिन इससे भूमि धीरे-धीरे बंजर होती जा रही है और उपज की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है।

वर्मी कंपोस्ट यूनिट पर सरकार दे रही 50% अनुदान

राजस्थान सरकार ने किसानों को जैविक खाद अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए एक बेहतरीन योजना शुरू की है। इस योजना के तहत वर्मी कंपोस्ट यूनिट (जिसे केंचुआ खाद भी कहा जाता है) लगाने के लिए किसानों को 50% तक का अनुदान दिया जा रहा है। इस योजना में अधिकतम ₹10,000 तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जिससे किसान कम लागत में अपनी खाद यूनिट शुरू कर सकते हैं।

वर्मी कंपोस्ट एक प्राकृतिक और उच्च गुणवत्ता वाली खाद होती है, जिसे किसान अपने खेतों में इस्तेमाल कर सकते हैं और चाहें तो बेचकर अतिरिक्त आमदनी भी कमा सकते हैं। आज कई किसान इस खाद के उत्पादन और बिक्री से अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं।

पात्रता की शर्तें : कौन ले सकता है योजना का लाभ?

इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ मुख्य शर्तें तय की गई हैं:

कैसे करें आवेदन?  

किसान इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं:

वर्मी यूनिट निर्माण की प्रक्रिया

आवेदन स्वीकृत होने के बाद किसानों को अपनी जमीन पर वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए एक विशेष गड्ढा तैयार करना होगा, जिसकी लंबाई 20 फीट, चौड़ाई 3 फीट और गहराई ढाई फीट होगी। इसी यूनिट में केंचुओं की मदद से जैविक खाद तैयार की जाएगी। यह खाद खेतों के लिए बेहद उपजाऊ होती है और इसके नियमित उपयोग से फसलों की उपज में धीरे-धीरे अच्छा खासा इज़ाफा देखने को मिलता है।

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