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बारिश का कहर! बाढ़ से निपटने के लिए बुलानी पड़ी सेना

बारिश का कहर! बाढ़ से निपटने के लिए बुलानी पड़ी सेना

भारी बारिश के बाद कई राज्यों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। उत्तराखंड और असम में बारिश ने जमकर कहर बरपाया है। असम में बाढ़ की गंभीर स्थिति के कारण 6.71 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।

‘वायुसेना के जवानों ने 13 मछुआरों को बचाया’

एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय वायुसेना के जवानों ने डिब्रूगढ़ जिले में फंसे 13 मछुआरों को बचाया है। आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ से डिब्रूगढ़ जिला बुरी तरह प्रभावित हुआ है, यह इलाका लगातार छठे दिन पानी में डूबा हुआ है।

CM हिमंत विश्व शर्मा ने कहा- ‘ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर…’

मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और शहर से मशीनों के जरिए पानी खींचना संभव नहीं है। गौरतलब है कि राज्य में बाढ़ के कारण 19 जिलों में साढ़े छह लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। उत्तराखंड के उच्च गढ़वाल हिमालय क्षेत्र में स्थित विश्व प्रसिद्ध बद्रीनाथ मंदिर के ठीक नीचे बहने वाली अलकनंदा नदी लगातार अपनी चपेट में ले रही है भयानक रूप यहां स्थित नारद कुंड पूरी तरह से जलमग्न हो गया है।

‘अलकनंदा का पानी लगातार बढ़ रहा है’

अलकनंदा का पानी लगातार बढ़ रहा है। लगातार बारिश और नदी के उफान के कारण स्थानीय प्रशासन ने नदी के आसपास के इलाकों से लोगों को हटाना शुरू कर दिया है। तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को नदी से दूर रहने के लिए कहा जा रहा है। नदी के किनारे मास्टर प्लान के तहत हो रही खुदाई के कारण सोमवार की देर शाम नदी में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी। पानी इतना बढ़ गया है कि ऐतिहासिक तप्तकुंड की सीमा को छू रहा है, जिससे बद्रीनाथ धाम में मौजूद श्रद्धालु और स्थानीय लोग डरे हुए हैं।

बद्रीनाथ मंदिर से कुछ मीटर नीचे अलकनंदा नदी बहती है। नदी के तट और मंदिर के बीच ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण पवित्र तप्तकुंड है और मंदिर के दर्शन से पहले भक्त इस गर्म पानी के कुंड में स्नान करते हैं। इस स्थान के पास ब्रह्मकपाल क्षेत्र है जहां भक्त अपने पूर्वजों की याद में पितृ दान करते हैं।

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