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सीरिया से लौटे भारतीय की दर्दनाक कहानी, ठंड में बच्चों की तकलीफें जानकर कांप जाएगी रूह

सीरिया से लौटे भारतीय की दर्दनाक कहानी, ठंड में बच्चों की तकलीफें जानकर कांप जाएगी रूह

सीरिया के दौरे पर गए रवि भूषण ने नहीं सोचा था कि वहां की स्थिति इतनी बिगड़ जाएगी कि सरकार को उन्हें रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत भारत वापस लाना पड़ेगा। अब वे भारत लौट आए हैं और अपनी यात्रा के अनुभव साझा कर रहे हैं। रवि ने बताया कि वहां की स्थिति अचानक इतनी खराब हो गई थी कि किसी को इसकी उम्मीद भी नहीं थी। गाजियाबाद के निवासी रवि भूषण, जो 75 भारतीयों में पहले थे जो सीरिया से लौटे, ने अपनी कहानी बयां की है। आइए जानते हैं उनके अनुभव के बारे में।

सीरिया की भयानक स्थिति

गाजियाबाद के निवासी रवि भूषण ने सीरिया से लौटने के बाद वहां के विद्रोह की गंभीर स्थिति को याद किया और बताया कि भारतीय दूतावास ने उन्हें सुरक्षित वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रवि सीरिया बिजनेस के काम से गए थे, लेकिन उन्हें इस बात का कोई अनुमान नहीं था कि वहां के हालात इतनी जल्दी इतनी गंभीर हो जाएंगे।

रवि ने बताया कि उनकी यात्रा केवल 2 से 3 दिनों की थी और जब वे सीरिया पहुंचे, तब हालात सामान्य थे। लेकिन अचानक परिस्थितियाँ बदल गईं। रविवार को सीरियाई विद्रोहियों ने दमिश्क में प्रवेश किया, जिसके कारण राष्ट्रपति बशर अल-असद को देश छोड़कर भागना पड़ा, और इस तरह उनके दो दशक से अधिक समय तक चले शासन का अंत हो गया।

सीरिया से भारत लौटने वाले पहले भारतीय 

सीरिया से भारत लौटने वाले 75 नागरिकों में रवि भूषण पहले भारतीय हैं। उन्होंने भारत सरकार का आभार व्यक्त किया और साथ ही यह भी साझा किया कि दूसरे देशों के नागरिकों की मुश्किलों को देखकर उन्हें भारत सरकार की मदद की सराहना हुई। एएनआई से बातचीत में रवि ने बताया कि उन्होंने देखा कि अन्य देशों के लोग कितनी कठिनाइयों में थे। वे छोटे बच्चों और महिलाओं को देख रहे थे, जो 4-5 डिग्री तापमान में 10-12 घंटे तक बाहर बैठे थे। यह दृश्य बहुत डरावना था, लेकिन भारत सरकार की मदद के कारण हमें ऐसी कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ा।

रवि ने आगे बताया कि भारत ने सीरिया से नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया था, और वे इस अभियान का हिस्सा बनने वाली पहली टीम थे। उन्होंने यह भी कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि भारत सरकार ने हर एक नागरिक से संपर्क किया और उनकी स्थिति के बारे में पूछा। सरकार लगातार स्थिति का जायजा ले रही थी और यह सुनिश्चित कर रही थी कि सभी सुरक्षित हैं या नहीं।

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