Site icon Ghamasan News

Mumbai : क्या पारसी रीति से होगा साइरस मिस्त्री का अंतिम संस्कार ? जलाने या दफनाने के बजाए गिद्धों के हवाले किया जाता है शव

Mumbai : क्या पारसी रीति से होगा साइरस मिस्त्री का अंतिम संस्कार ? जलाने या दफनाने के बजाए गिद्धों के हवाले किया जाता है शव

भारत के सुप्रसिद्ध उद्योगपति और टाटा संस के चेयरमैन साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) की कल सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। वे अपनी लक्जरी कार मर्सिडीज से गुजरात के उदवाडा से मुंबई लौट रहे थे, तभी मुंबई (Mumbai) के पहले पालघर में उनकी कार दुर्घटना की शिकार हो गई। उस दौरान उनके सहित चार लोग कार में मौजूद थे, जिनमें से साइरस मिस्त्री सहित दो लोगों की मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं।

Also Read-Uttar Pradesh : आगरा में खनन माफियाओं ने कानून की उड़ाई धज्जियां, 13 ट्रैक्टर निकले बैरियर तोड़कर

पारसी समुदाय से थे साइरस मिस्त्री

गौरतलब है कि टाटा संस् के चेयरमेन साइरस मिस्त्री पारसी समुदाय से संबंध रखते थे। उल्लेखनीय है कि पारसी समुदाय में शव के अंतिम संस्कार की पद्धति अन्य सभी समुदायों की अंतिम संस्कार पद्धति से बिलकुल अलग है। पारसी समुदाय में ना तो सनातन धर्म की तरह अग्निदाह के माध्यम से अंतिम संस्कार किया जाता है और ना ही इस्लाम की तरह दफनाया ही जाता है।

Also Read-Mumbai : अमित शाह ने की रोहित शेट्टी से मुलाक़ात, महानगर पालिका चुनाव से देखा जा रहा है जोड़कर

शव को किया जाता है गिद्धों के हवाले

पारसी समुदाय में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसके शव को जलाने या दफनाने के बजाए शव को टुकड़ों में विभक्त करके गिद्धों के हवाले कर दिया जाता है। पारसी समुदाय में अंतिम संस्कार की इस अनोखी पद्धति के लिए जिस स्थान का उपयोग किया जाता है उसे ‘टावर ऑफ साइलेंस’ कहा जाता है। इस टॉवर ऑफ़ साइलेंस को पारसी भाषा में दखमा कहा जाता है, जोकि एक गोलाकार कुँए के समान होता है।

 

 

Exit mobile version