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नई फ़सल खराब होने की आशंका से मक्के के भाव में मची हलचल, जानें 22 मई 2025 के ताजा मंडी रेट

Makka Mandi Bhav

Makka Mandi Bhav

Makka Mandi Bhav: मक्के ने मंडियों में एक बार फिर धूम मचा दी! 22 मई 2025 को मक्के के दामों में उछाल देखा गया, जिसने किसानों में उत्साह भर दिया। कम आपूर्ति, पशु आहार और इथेनॉल की बढ़ती मांग ने मक्के को बाजार का नया सितारा बना दिया। आइए, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र के 30 शहरों के ताजा मंडी भाव और इस तेजी की वजहों पर नजर डालें।

उत्तर प्रदेश: मक्के का दमदार रुख

उत्तर प्रदेश में मक्के की औसत कीमत ₹2100/क्विंटल रही। लखनऊ में ₹2150, कानपुर में ₹2050, वाराणसी में ₹2200, आगरा में ₹2000, मेरठ में ₹2100, गोरखपुर में ₹2170, आजमगढ़ में ₹1950, अलीगढ़ में ₹2050, प्रयागराज में ₹2120, और बरेली में ₹2080 प्रति क्विंटल का रेट रहा। वाराणसी में मांग ने कीमतों को उछाला।

मध्य प्रदेश: मंडियों में मक्के की रौनक

मध्य प्रदेश में औसत कीमत ₹2100/क्विंटल दर्ज हुई। इंदौर में ₹2150, भोपाल में ₹2070, ग्वालियर में ₹2120, जबलपुर में ₹2100, रीवा में ₹2050, सागर में ₹2160, रतलाम में ₹2080, नीमच में ₹2200, मंदसौर में ₹2060, और देवास में ₹2100 क्विंटल का भाव रहा। मंदसौर में सबसे ऊंचा रेट छुआ।

राजस्थान: मक्के का जोरदार प्रदर्शन

राजस्थान में औसत कीमत ₹2100/क्विंटल रही। जयपुर में ₹2150, जोधपुर में ₹2050, उदयपुर में ₹2100, बीकानेर में ₹2070, कोटा में ₹2120, और अलवर में ₹2160 प्रति क्विंटल का रेट रहा। अलवर में मांग ने मक्के को चमक दी।

बिहार: मक्के का बढ़ता रेट

बिहार में औसत कीमत ₹2100/क्विंटल रही। पटना में ₹2150, गया में ₹2000, भागलपुर में ₹2080, मुजफ्फरपुर में ₹2100, दरभंगा में ₹2050, और पूर्णिया में ₹2070 प्रति क्विंटल का भाव रहा। गया में कम स्टॉक ने दामों को बढ़ाया।

महाराष्ट्र: मक्के का शानदार स्वाद

महाराष्ट्र में औसत कीमत ₹2100/क्विंटल रही। मुंबई में ₹2200, पुणे में ₹2150, नासिक में ₹2100, नागपुर में ₹2250, औरंगाबाद में ₹2120, और सोलापुर में ₹2080 प्रति क्विंटल दर्ज हुआ। नागपुर ने सबसे ऊंचा भाव हासिल किया।

क्या है तेजी की वजह?

मक्के की कीमतों में यह उछाल कम फसल, बारिश से नुकसान और पशु आहार व इथेनॉल की बढ़ती मांग से आया है। मंडियों में कम आवक ने दाम ₹1950-₹2250/क्विंटल तक पहुंचा दिए। यह किसानों के लिए फायदेमंद है, लेकिन उपभोक्ताओं पर असर पड़ सकता है।

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