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कर्ज के बोझ तले दब रहा प्रदेश, दो महीने में 18,000 करोड़ की उधारी, एक हफ्ते में तीसरी बार लिया 6,000 करोड़ का नया लोन

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MP News : मध्य प्रदेश सरकार ने 12 मार्च को राज्य का 2025 का बजट पेश किया, लेकिन महज 6 दिन बाद, 19 मार्च को रंगपंचमी के मौके पर उसे 6,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की जरूरत पड़ी। यह कर्ज वित्तीय संस्थाओं से लिया जाएगा, जिसमें 2000-2000 करोड़ के कर्ज की तीन किश्तें शामिल होंगी, जो क्रमशः 7, 21 और 24 साल की अवधि के लिए होंगी। गौरतलब है कि मार्च महीने में यह तीसरी बार है जब राज्य सरकार उधारी ले रही है। इससे पहले 5 मार्च को 6,000 करोड़ और 12 मार्च को 4,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया था।

राज्य का कुल बजट अब बढ़कर 3.64 लाख करोड़ से 4.21 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, राज्य का कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है और यह स्थिति 2026 तक बढ़कर 4.99 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। हालांकि, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि यह कर्ज नहीं, बल्कि निवेश है, जो राज्य के विकास में सहायक होगा।

सरकार द्वारा लिए गए कर्ज की प्रमुख तारीखें और उनकी अवधि का विवरण दिया गया है:

कर्ज की बढ़ती रकम पर उठ रहे सवाल

मध्य प्रदेश राज्य अब कर्ज के मामले में टॉप-5 कर्जदारों में शुमार हो चुका है। महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के बाद राज्य का कर्ज 4.21 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। बढ़ते कर्ज पर कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति लंबे समय में वित्तीय संकट का कारण बन सकती है, जबकि राज्य सरकार इसे विकास के निवेश के रूप में देख रही है।

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