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शहर की ये दुकान बन रही हैं लोगों के आकर्षण का केंद्र, न कोई मालिक न कोई कर्मचारी, हर कोई करता है खुद से हिसाब

Laddu Gopal Shop

Laddu Gopal Shop

Laddu Gopal Shop : मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक ऐसी दुकान ने सबका ध्यान आकर्षित किया है, जिसे भगवान खुद चला रहे हैं। इस दुकान का नाम है ‘श्री लड्डू गोपाल’, और यहाँ न कोई कर्मचारी है, न मालिक, बस भगवान लड्डू गोपाल की कृपा और विश्वास पर दुकान चलती है। दिलचस्प बात यह है कि ग्राहक अपनी जरूरत के अनुसार लड्डू का पैकेट ले सकता है और बिना किसी दबाव के पैसे खुद ही रख सकता है।

यह दुकान शहर के शास्त्री ब्रिज के पास विजय पांडे द्वारा 10 मार्च 2025 को खोली गई। दुकान में लड्डू के पैकेट्स अलग-अलग आकारों में रखे होते हैं, जैसे 250 ग्राम और 500 ग्राम के पैकेट्स। सभी पैकेट्स के रेट्स भी स्पष्ट रूप से लिखे हुए हैं। खास बात यह है कि दुकान में भगवान लड्डू गोपाल की एक सुंदर मूर्ति भी रखी हुई है, जिससे दुकान को आध्यात्मिक रूप मिलता है।

कैसे होता है पेमेंट? तीन ऑप्शंस का दिया गया है विकल्प

यहां पेमेंट के लिए तीन ऑप्शंस दिए गए हैं:

  1. ऑनलाइन भुगतान: ग्राहक क्यूआर कोड स्कैन करके पैसे दे सकते हैं।
  2. नकद भुगतान: एक बॉक्स रखा गया है, जिसमें लोग पैसे डाल सकते हैं, पास में खुले पैसे भी रखे जाते हैं ताकि किसी को दिक्कत न हो।
  3. बाद में भुगतान: यदि किसी ग्राहक के पास पैसे नहीं हैं तो वह लड्डू ले सकता है और बाद में पैसे दे सकता है, यह उसकी श्रद्धा और विश्वास पर निर्भर करता है।

कैसे आया इस दुकान की आइडिया? 

इस दुकान को खोलने की प्रेरणा विजय पांडे को तब मिली जब एक सुरक्षा गार्ड उनके पास आया। वह व्यक्ति अपने बेटे के जन्मदिन के लिए लड्डू खरीदने आया था, लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे। पांडे ने उस व्यक्ति को बिना किसी शर्त के लड्डू दे दिए, यह विश्वास दिखाते हुए कि वह पैसे वापस करेगा। और कुछ ही दिनों बाद, उस व्यक्ति ने पैसे लौटाए। इस घटना ने पांडे को प्रेरित किया और उन्होंने सोचा कि अगर यह दुकान भगवान लड्डू गोपाल के नाम पर चले तो सबकुछ सही रहेगा।

24 घंटे खुली रहती है दुकान, हर कोई करता है खुद से हिसाब

श्री लड्डू गोपाल की यह दुकान 24 घंटे खुली रहती है, और यहां ग्राहकों को कोई भी पूछताछ करने की जरूरत नहीं होती। वे अपने हिसाब से लड्डू ले सकते हैं। वजन को लेकर अगर कोई शंका होती है, तो तराजू भी रखा गया है, लेकिन अब तक किसी ने उसका इस्तेमाल नहीं किया।

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