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फिर मुसीबत में फंसे जीतू पटवारी, CM के भाई ने भेजा 10 करोड़ का मानहानि नोटिस, कहा – माफी मागें जीतू

Jitu Patwari Defamation Notice

Jitu Patwari Defamation Notice : प्रदेश में जीतू पटवारी अपने बयान बाजी के लिए जाने जाते हैं। अब एक बार फिर से ऐसे ही बयान बाजी की वजह से वह मुसीबत में पड़ गए हैं। दरअसल उज्जैन जिले के एक सभा के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के भाई नारायण यादव पर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद अब मुख्यमंत्री के भाई नारायण यादव ने जीतू पटवारी को मानहानि का नोटिस भेजा है।

दरअसल उज्जैन जिले में हुई एक सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीजू पटवारी ने नारायण यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि सिंहस्थ के समय उज्जैन में होटल व्यवसाय करने वालों से 20% का नारायण टैक्स लिया जाता है।

नारायण यादव पर गंभीर आरोप

पटवारी यही नहीं रुके, उन्होंने दावा किया था कि यह टैक्स सभी होटल मालिक ठेकेदार और शराब व्यवस्थाओं से भी वसूला जाता है और इसे भोलेनाथ की नगरी का टैक्स कहा जाता है। उन्होंने कहा था कि व्यवसाययों पर यह एक प्रकार का जबर्दस्ती टैक्स है, जिसे स्थानीय नेता द्वारा लागू किया गया है और इस टैक्स को ‘नारायण टैक्स’ नाम दिया गया है। जिसके बाद से यह बयान पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय से बन गया था। अब इस पर नारायण यादव ने पलटवार किया है।

नारायण यादव के वकील ने जानकारी देते हुए बताया कि 70वर्षीय नारायण यादव समाजसेवी है और यादव महासभा के अध्यक्ष हैं। कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी द्वारा उन पर झूठे आरोप लगाए गए थे। जिसके बाद नारायण यादव ने उन्हें मानहानि का नोटिस भेजा है। एडवोकेट स्पष्ट किया है कि पटवारी ने सार्वजनिक मंच से नारायण यादव के खिलाफ झूठी बयान बाजी की है और उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है।

नारायण यादव की छवि को धूमिल करने की कोशिश?

इतना ही नहीं मानहानि के नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि पटवारी का यह कार्य भारतीय न्याय संहिता की धारा 356 के अंतर्गत आता है, जो की एक दंडनीय अपराध है। उन्होंने न सिर्फ नारायण यादव की छवि को धूमिल करने की कोशिश की है बल्कि उनके प्रतिष्ठा सहित मान सम्मान पर भी आघात किया है और उन्हें मानसिक पीड़ा पहुंचाई है।

10 करोड़ रुपए का मानहानि नोटिस 

जिसके कारण नारायण यादव की तरफ से जीतू पटवारी पर 10 करोड़ रुपए का मानहानि नोटिस भेजा गया और यह भी कहा गया है कि यदि पटवारी सार्वजनिक रूप से नारायण यादव से माफी नहीं मांगते हैं तो उन पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

मांगे मांगे पटवारी- नारायण

नारायण यादव ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है। नोटिस में लिखा है कि पटवारी का बयान पूरी तरह से अपमानजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे में भारतीय दंड संहिता की धारा 356 के तहत इसे आपराधिक कृत्य माना जाएगा। नारायण यादव ने आरोप लगाया कि पटवारी का उद्देश्य केवल राजनीतिक लाभ प्राप्त करना है और उनकी छवि को नुकसान पहुंचाना है। नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि पटवारी को सार्वजनिक रूप से नारायण यादव से माफी मांगनी होगी। इसके साथ ही उन्हें 10 करोड रुपए की राशि भी अदा करनी होगी।

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