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दिव्‍यांगजनों के पुनर्वास में इंदौर देश में सबसे आगे..

दिव्‍यांगजनों के पुनर्वास में इंदौर देश में सबसे आगे..

– इंदौर ने दिव्‍यांगों के लिए किया सबसे अच्‍छा काम
– इंदौर में दिव्‍यांगता प्रमाणित करने के लिए मेडिकल बोर्ड बनाया
– राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिया पुरस्‍कार

इंदौर के लिए गौरव का एक और अवसर आया है। दिव्‍यांगजनों के पुनर्वास में इंदौर देश में सबसे आगे रहा है और इस उपलब्धि के लिए राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सांसद शंकर लालवानी को सम्‍मानित किया है। इस अवसर पर सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक भी मौजूद थे।सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि ‘पूरे देश में अपना इंदौर दिव्‍यांगजनों को पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने में सर्वश्रेष्‍ठ जिला घोषित किया गया है। इस उपलब्धि का श्रेय इंदौर की जनता, जिला प्रशासन और सामाजिक संस्‍थाओं को जाता है। आप सभी को बधाई। आइए, मिलकर इंदौर को दिव्‍यांगजनों के लिए बेहतर और समान अवसर देने वाली जगह बनाते हैं।’

दिव्‍यांगजनों का जीवन आसान बनाने और उन्‍हें सामान्‍य लोगों की तरह अवसर देने के लिए सांसद शंकर लालवानी ने लगातार प्रयास किए है। इंदौर में सभी 21 तरह की दिव्‍यांगता प्रमाणित करने के लिए जिला स्‍तर पर मेडिकल बोर्ड बनाया गया है। साथ ही दृष्टिबाधित छात्राें के लिए एनी स्‍मार्ट क्‍लास भी शुरू की है। कोविड के बावजूद 6,250 मेडिकल सर्टिफिकेट और 10,000 से ज्‍यादा यूआईडी कार्ड बनाए गए हैं।इंदौर जिले में करीब 1,700 दिव्‍यांगजनों को सहायक यंत्र एवं सहायक उपकरण वितरित किए गए हैं। साथ ही, दिव्‍यांग स्‍कूलों की स्‍थापना एवं सहायता और 2 आवासीय छात्रावास स्‍थापित किए गए हैं। साथ ही केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्‍वयन में भी इंदौर आगे रहा है।

इंदौर में बौद्धिक दिव्‍यांगता के लिए करीब 3,000 लोगों को मासिक सहायता दी जा रही है। साथ ही, सुगम्‍य भारत अभियान के तहत 2,200 से ज्‍यादा निजी, सार्वजनिक परिसरों, संस्‍थानों, बैंकों, सरकारी कार्यालयों, स्‍कूल एवं कॉलेज भवनों, अस्‍पतालों, सुविधाघर एवं एटीएम को बाधामुक्‍त बनाया गया है। सांसद शंकर लालवानी ने इंदौर को दिव्‍यांगजनों के लिए फ्रेंडली सिटी बनाने का आह्वान किया है।

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