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इंदौर: 150 परिवारों ने दिवाली के पहले मनाई दिवाली , चार दशक के बाद मिला लोगों को अपने घरों का हक़

इंदौर: 150 परिवारों ने दिवाली के पहले मनाई दिवाली , चार दशक के बाद मिला लोगों को अपने घरों का हक़

इंदौर। इंदौर के आदर्श मौलिक नगर के 150 परिवारो ने आज दिवाली के पहले ही अपनी दिवाली मना ली.आदर्श मौलिक नगर रहवासी संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र पाल पापे और सचिव इन्द्रजीत यादव ने कहा हम लोग चार दशकों से हाउसिंग बोर्ड से खरीदी जमीन पर बने अपने घरों के मालिकाना हक़ के लिए संघर्ष कर रहे थे। आज हमारे विधायक दादा दयालु रमेश मेंदोला के भागीरथों प्रयासों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा सरकार ने हमारा सपना पूरा कर दिया। उन्होंने कहा कि हम जीवन भर इसके लिए मामाजी शिवराज और दादा दयालु रमेश के आभारी रहेंगे।

पाल और यादव ने बताया कि 1964 से हम लोग इस जगह पर बसे थे. 1979 में हाउसिंग बोर्ड ने 157 मकान मालिकों से जमीन के पैसे और विकास शुल्क जमा करवाया था. इसके बाद 1991 में हाउसिंग बोर्ड ने 30 साल का लीज एग्रीमेंट भी किया पर इसके बाद इस जमीन को नजूल का बताकर इसे ब्लेक लिस्ट कर दिया. सरकारी संस्थान से जमीन खरीदने और लीज एग्केरीमेंट के बाद भी बाद भी हमें निर्माण की अनुमति नहीं मिलती थी. बोर्ड के अधिकारी कहते थे कि बोर्ड को अभी तक नजूल ने उस जमीन का स्वामित्त्व नहीं सौपा है.

इन दोनों विभागो की चक्की में हम 157 परिवार पिसा रहे थे. इस दौरान लीज की अवधि पूरी हो गई तो हाउसिंग बोर्ड लीज का नवीनीकरण भी नहीं कर रहा था. उन्होंने कहा कि दादा दयालु ने लगातार नजूल, जिला प्रशासन, हाउसिंग बोर्ड और राज्य सरकार के सामने हमारा मुद्दा उठाया. उनके प्रयासों से आज की कैबिनेट मीटिंग में हमारा मुद्दा रखा गया और शासन ने नजूल की भूमि का स्वामित्त्व हाउसिंग बोर्ड को सौप कर हमारा अधिकार हमें देने का मार्ग प्रशस्त कर दिया. उन्होंने कहा कि हमारे संघर्ष को सिद्धि में बदलने का श्रेय मामा शिवराज और दादा दयालु को है. उन्होंने मंत्री तुलसी सिलावट का भी आभार माना और कहा कि इन सबके प्रयास से इस बार 157 परिवार दो बार दिवाली मनाएंगे और इन सबका नागरिक अभिनन्दन भी करेंगे.

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