इंदौर शहर में बिजली वितरण कंपनी द्वारा पांच नए बिजली जोन बनाने की योजना तैयार की जा रही है। इसके तहत शहर के पूर्व, पश्चिम, मध्य, दक्षिण और उत्तर डिवीजनों से एक-एक नया जोन प्रस्तावित किया गया है, जिनके प्रस्ताव सर्कल कार्यालय से मंगवाए गए हैं। यदि योजना तय समय पर अमल में आती है, तो आने वाले दो से तीन महीनों में, यानी दीपावली से पहले, मौजूदा 30 जोनों की संख्या बढ़कर 35 हो जाएगी। यह पहल शहर की बढ़ती जनसंख्या और बिजली की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए की जा रही है।
यहां बन सकते हैं नए बिजली झोन
नए बिजली झोन शहर के प्रमुख विकसित और तेजी से बढ़ते इलाकों के आसपास स्थापित किए जाने की योजना है। प्रस्तावित क्षेत्रों में महालक्ष्मी झोन के समीप देवास रोड स्थित मांगलिया, राऊ क्षेत्र की सिलिकॉन सिटी, एयरपोर्ट झोन के पास देपालपुर रोड पर गोम्मटगिरि, सत्यसाईं झोन के अंतर्गत रिंग रोड और बायपास क्षेत्र, तथा मैकेनिक नगर झोन के तहत रिंग रोड और एबी रोड का इलाका शामिल है। इन स्थानों का चयन उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या और क्षेत्रीय विस्तार को ध्यान में रखते हुए किया गया है। प्रस्तावित झोन का नाम संबंधित प्रमुख कॉलोनियों या बसाहटों के नाम पर रखे जाने की संभावना है। इससे पहले बिजली वितरण कंपनी ने हवा बंगला, सुखलिया और यूनिवर्सिटी झोन की स्थापना करीब पांच साल पहले की थी।
बढ़ते उपभोक्ताओं का दबाव, नए झोन की तैयारी
इंदौर शहर का तेजी से फैलता दायरा और बढ़ती बिजली खपत अब मौजूदा व्यवस्था पर दबाव बना रही है। कई मौजूदा झोन ऐसे हैं जहां उपभोक्ताओं की संख्या 30,000 से अधिक पहुंच चुकी है, जिससे बिजली आपूर्ति और शिकायतों के समाधान में चुनौतियां सामने आ रही हैं। इस स्थिति को देखते हुए, प्रबंध निदेशक अनूप कुमार सिंह के निर्देश पर बीते पखवाड़े से नए बिजली झोन तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रस्ताव है कि ये नए झोन ऐसे क्षेत्रों में स्थापित किए जाएं जो आवासीय आबादी के नजदीक हों और आउटर इलाकों से दूर हों, ताकि बिजली कर्मचारी समय रहते फॉल्ट ठीक कर सकें और उपभोक्ताओं को अधिक प्रभावी सेवाएं मिल सकें।
20 हजार उपभोक्ताओं पर केंद्रित रहेगा हर नया झोन
बिजली कंपनी का लक्ष्य है कि प्रत्येक झोन में औसतन 20,000 उपभोक्ता ही शामिल हों, ताकि बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता बेहतर हो और शिकायतों का समाधान तेजी से हो सके। जिन क्षेत्रों में उपभोक्ताओं की संख्या 30,000 से अधिक हो गई है और झोन की भौगोलिक सीमा लगभग 5 किलोमीटर तक फैल गई है, वहां झोन के पुनर्गठन की आवश्यकता महसूस की गई है। प्रारंभिक योजना के अनुसार, प्रस्तावित 5 नए झोनों में लगभग 95,000 उपभोक्ता शामिल किए जाएंगे। यह नई व्यवस्था उपभोक्ताओं के संतुलित वितरण पर आधारित होगी, जिससे बिजली रखरखाव के काम में अधिक गति और दक्षता लाई जा सके। फिलहाल शहर में 7.80 लाख बिजली उपभोक्ता पंजीकृत हैं।