Site icon Ghamasan News

बच्चों से रूबरू हुए इंदौर कलेक्टर, सुनाई कहानियां, PM बनने की इच्छा जताने वाली छात्रा संग खिंचवाई फोटो

Indore

आज बुधवार (2 अप्रैल) को इंदौर में ‘स्कूल चलें हम’ अभियान के तहत ‘भविष्य से भेंट’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के तहत प्रशासनिक अधिकारी अलग-अलग स्कूलों में पहुंचे, जहां उन्होंने बच्चों से संवाद किया, उनके सवालों के जवाब दिए साथ ही शिक्षा के महत्व पर चर्चा भी की।

इसी कार्यक्रम के तहत बुधवार को कलेक्टर आशीष सिंह ‘भविष्य से भेंट’ कार्यक्रम में शामिल होने मूसाखेड़ी स्थित सांदिपनी स्कूल पहुंचे। यहां उन्होंने बच्चों से उनके सपनों के बारे में चर्चा की और उन्हें प्रेरित किया।

बच्चों से पूछा- बड़े होकर क्या बनना चाहते हो?

इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बच्चों से पूछा कि वे बड़े होकर क्या बनना चाहते हैं। इस पर बच्चों ने डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस, टीचर और यहां तक कि प्रधानमंत्री बनने की इच्छा भी जताई। प्रधानमंत्री बनने की ख्वाहिश रखने वाली छात्रा काव्या सिंह को कलेक्टर ने प्रोत्साहित किया और उनके साथ फोटो खिंचवाते हुए मजाकिया लहजे में बोले, “फोटो ले लो, क्या पता कल यह सच हो जाए!” काव्या ने कहा कि वह प्रधानमंत्री बनकर देश में निःशुल्क शिक्षा को बढ़ावा देना चाहती हैं।

IAS बनने के लिए क्या करना होता है?

पोलोग्राउंड स्थित सांदिपनी स्कूल में निगम कमिश्नर शिवम वर्मा भी पहुंचे, जहां एक छात्रा ने उनसे पूछा कि आईएएस बनने के लिए क्या करना होगा? इस पर उन्होंने स्टेज से ही यूपीएससी और पीएससी की परीक्षा की पूरी प्रक्रिया को समझाया और बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रेरित किया। उन्होंने यह भी कहा कि पहली बार असफल होने पर हार नहीं माननी चाहिए। गलतियों से सीखकर दोबारा प्रयास करने पर सफलता निश्चित मिलती है।

बच्चों के बीच जमीन पर बैठकर सुनाई प्रेरणादायक कहानी

बच्चों से औपचारिक बातचीत के बजाय कलेक्टर ने अनौपचारिक तरीके से उनसे घुल-मिलकर संवाद किया। वे खुद बच्चों के बीच जमीन पर बैठ गए और उन्हें ऋषि कश्यप और जलोद्भव राक्षस की कहानी सुनाई। उन्होंने बताया कि “कश्मीर का नाम ऋषि कश्यप के नाम पर पड़ा है।”

इसके साथ ही उन्होंने स्कूल की नई बिल्डिंग के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया, “हमने नई जमीन देख ली है, जल्द ही यहां एक आधुनिक भवन बनेगा, जिससे बच्चों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।”

कलेक्टर ने बच्चों को दिए स्मार्टफोन के सीमित उपयोग के टिप्स

आज के डिजिटल युग में बच्चे मोबाइल और इंटरनेट पर अधिक समय बिता रहे हैं। इसे लेकर कलेक्टर ने बच्चों और उनके माता-पिता को मोबाइल के सीमित उपयोग की सलाह दी। कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा, “बच्चों को केवल आवश्यकतानुसार मोबाइल का उपयोग करना चाहिए और अधिक समय खेलकूद और पढ़ाई में लगाना चाहिए।” उन्होंने अपने बचपन को याद करते हुए कहा, “मुझे कंचे और गिल्ली-डंडा खेलना बहुत पसंद था। यही खेल हमारे असली दोस्त थे और हमें जीवन का असली आनंद देते थे।”

बात सिर्फ डॉक्टर, इंजीनियर या प्रशासनिक सेवाओं तक ही सीमित नहीं है। कलेक्टर ने बच्चों को बताया कि आज के दौर में करियर के नए विकल्प भी उपलब्ध हैं। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उदाहरण देते हुए कहा कि “यह क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और इसमें भी करियर की अपार संभावनाएं हैं।”

‘स्कूल चलें हम’ अभियान: शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की पहल

प्रदेश में सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से ‘स्कूल चलें हम’ अभियान चलाया जा रहा है। अक्सर देखा गया है कि निजी स्कूलों की तुलना में सरकारी स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति कम होती है। इस अभियान के तहत अभिभावकों को जागरूक किया जा रहा है कि वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में नामांकित कराएं, ताकि सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।

Exit mobile version