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केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिली बड़ी राहत, अब 2027 तक मिलेगी ये विशेष सुविधाएं

kashmir valley employees

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक खुशखबरी आई है। केंद्र सरकार ने कश्मीर घाटी में तैनात कर्मचारियों को मिलने वाली विशेष रियायतों और सुविधाओं को तीन साल के लिए बढ़ा दिया है। यह फैसला केंद्र सरकार ने हाल ही में लिया है और इसका आदेश कार्मिक मंत्रालय ने जारी किया है।

नई सुविधाओं के अनुसार, कश्मीर घाटी में कार्यरत केंद्रीय कर्मचारियों को 1 अगस्त 2024 से 3 वर्षों के लिए यह रियायतें मिलती रहेंगी, यानी 2027 तक यह सुविधा जारी रहेगी। यह राहत सभी केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कर्मचारियों पर लागू होगी।

नई सुविधाएं:

रोजाना भत्ता: जिन कर्मचारियों के परिवार कश्मीर घाटी में रहते हैं, उन्हें प्रतिदिन 141 रुपये का विशेष भत्ता मिलेगा।

शिफ्टिंग की सुविधा: इच्छुक कर्मचारी अपने परिवार को किसी भी अन्य स्थान पर सरकारी खर्च पर शिफ्ट कर सकते हैं। इसमें यात्रा भत्ता और कम्‍पोजिट ट्रांसफर ग्रांट (CTG) शामिल होगा, जो पिछले महीने की बेसिक पे का 80% होगा।

राशन भत्ता: कर्मचारियों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के जवानों की तरह 142.75 रुपये प्रतिदिन का राशन भत्ता भी मिलेगा।

आवास और सुरक्षा: कर्मचारियों के लिए आवास और सुरक्षा की पूरी व्यवस्था विभाग द्वारा की जाएगी। साथ ही, उनके दफ्तर आने-जाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी।

पेंशनर्स को विशेष छूट: जो पेंशनर्स कश्मीर घाटी से बाहर रह रहे हैं और वहां से अपनी पेंशन प्राप्त नहीं कर पा रहे, उन्हें पेंशन प्राप्त करने के लिए कश्मीर घाटी से बाहर अनुमति दी जाएगी।

इन जिलों के कर्मचारियों को मिलेगा लाभ

कश्मीर घाटी के दस जिले- अनंतनाग, बारामुला, बडगाम, कुपवाड़ा, पुलवामा, श्रीनगर, कुलगाम, शोपियां, गंदेरबल और बांदीपोरा- के कर्मचारी इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करेंगे। यह सुविधाएं 1 अगस्त 2024 से प्रभावी रहेंगी और अगले तीन वर्षों तक जारी रहेंगी।

महत्वपूर्ण नियम

यह प्रोत्साहन पैकेज सभी केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों पर लागू होगा। घाटी में तैनात कर्मचारी सरकारी खर्च पर परिवारों को भारत के किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट कर सकते हैं। साथ ही, पेंशनर्स को कश्मीर घाटी से बाहर अपनी पेंशन प्राप्त करने की विशेष अनुमति दी जाएगी। यह निर्णय कश्मीर घाटी में कार्यरत केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ी राहत साबित होगा।

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