इंदौर (Indore News) : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये कि नागरिकों की समस्याओं के निराकरण से जुड़े आवेदनों का त्वरित और समाधानपूर्वक निराकरण करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। अपने दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से समाधान ऑनलाइन कार्यक्रम के तहत दर्ज प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा की। इस अवसर पर भोपाल से मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैस सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समाधान ऑनलाइन के अंतर्गत विभिन्न जिलों के चयनित आवेदनों के प्रकरण की समीक्षा की तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा- निर्देश भी दिए। उन्होंने इंदौर जिले के महू के आवेदक श्रीमती मंजु से चर्चा की। श्रीमती मंजु ने बताया कि उनकी बेटी शादी की ज़िद करते हुए नाबालिक उम्र में ही लड़के के साथ घर से भाग गई थी। उनके द्वारा इस संबंध में पुलिस को शिकायत की गई। उनकी पुत्री के एक साल तक ना मिलने पर उन्होंने समाधान ऑनलाइन में शिकायत की।
डीआईजी श्री मनीष कपूरिया ने बताया कि फरार लड़की के मोबाइल को लगातार ट्रेस किया जाता रहा। लड़के के रिश्तेदारों से भी नियमित रूप से पूछताछ की जा रही थी एवं गुमशुदा लड़की और लड़के के पोस्टर भी आसपास के क्षेत्रों में लगाए गए थे। जैसे ही लड़के ने अपने मोबाइल में दूसरी सिम डाली उसकी लोकेशन ट्रेस की गई एवं लड़की को उसके माता-पिता के पास पहुंचाया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उक्त प्रकरण के निराकरण में एक साल का समय लिया गया जो कि दायित्व के निर्वहन में गंभीर लापरवाही दर्शाता है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत प्रदाय की जाने वाली सेवाएं यदि समय-सीमा के अंतर्गत हितग्राहियों को नहीं मिलती तो संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध जुर्माने की कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि 10 जनवरी 2022 को होने वाली कलेक्टर कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में वह इस निर्देश के पालन की समीक्षा करेंगे। वीसी के दौरान सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों के संतुष्टिपूर्वक निराकरण करने पर इंदौर सहित टॉप 5 जिलों को मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा बधाई दी गई।