Site icon Ghamasan News

भारतीय जीवन मूल्य लेखिकाओं के लेखन में मौजूद रहता है, डॉ विकास ने कहा

भारतीय जीवन मूल्य लेखिकाओं के लेखन में मौजूद रहता है, डॉ विकास ने कहा

Indore: अखिल भारतीय महिला साहित्य समागम के आज सुबह के सत्र में साहित्य अकादमी के निदेशक श्री विकास दवे ने अपने विचार रखते हुए कहा कि भारत की लेखिकाएं जब भी लेखन करती हैं तब उनके लेखन में भारतीय जीवन मूल्य मौजूद रहते हैं ।

ALSO READ: महिला साहित्य समागम में अनेक पुस्तकों का विमोचन हुआ

उन्होंने कहा कि हमें विदेशी विचारों की आवश्यकता नहीं है भारतीय मनीषा और मेघा का लेखन होना चाहिए उन्होंने कहा कि हमारी गौरवशाली परंपरा है भारत की और उसी का चित्रण हमारे लेखन में होना चाहिए उन्होंने कहा कि विदेशी सभ्यता का दृष्टि स्त्रियों के बारे में बहुत ही घटिया है जिस देश में वेदों की ऋचायें लिखी गई है उस देश में विदेशी लेखन का कोई महत्व नहीं है उन्होंने कल्पना चावला का भी उदाहरण दिया कि अंतरिक्ष में उनका जीवन कैसा रहता था वे अपने साथ गणेश जी की प्रतिमा गीता और अपने पिता के पत्र ले गई थी

Exit mobile version