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भारत-ग्रीस की नौसेनाओं का संयुक्त अभ्यास, पाकिस्तान-तुर्किए के गठजोड़ को करारा जवाब

भारत-ग्रीस की नौसेनाओं का संयुक्त अभ्यास,

10 जुलाई को भारतीय नौसेना और ग्रीस की नौसेना (हेलेनिक नेवी) ने अरब सागर में साझा नौसैनिक अभ्यास कर अपनी सामरिक क्षमताओं का प्रदर्शन किया। भारतीय नौसेना के फ्रिगेट INS तरकश (F50) और ग्रीक नौसेना के फ्रिगेट HS Psara ने मुंबई तट के पास यह PASSEX (Passing Exercise) सफलतापूर्वक संपन्न किया। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच सामरिक और समुद्री सहयोग को गहरा करना था।
भारत-ग्रीस के इस अभ्यास में नौसेना संचार प्रणाली, उन्नत युद्धाभ्यास, और संपर्क प्रबंधन की रणनीतियों का आदान-प्रदान किया गया। अभ्यास का समय और स्थान भी बेहद अहम था, जब तुर्किए और पाकिस्तान हिंद महासागर व पश्चिम एशिया में सैन्य प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, तब भारत का ग्रीस जैसे यूरोपीय देश के साथ अभ्यास करना एक रणनीतिक संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

तुर्किए-पाकिस्तान गठजोड़ को मिला कड़ा संदेश

तुर्किए और पाकिस्तान बीते कुछ वर्षों से समुद्री सुरक्षा और रणनीति में साझेदारी बढ़ा रहे हैं। खासकर पाकिस्तान के कराची तट, अरब सागर, और हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में तुर्किए की मौजूदगी बढ़ी है। तुर्किए पाकिस्तान को ड्रोन्स, स्मार्ट हथियार, और समुद्री तकनीक की आपूर्ति कर रहा है। वहीं, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी तुर्किए ने पाकिस्तान का परोक्ष समर्थन किया था।
ऐसे में भारत का ग्रीस के साथ सैन्य अभ्यास न केवल भूराजनीतिक सन्देश देता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत अब अपनी समुद्री सीमाओं पर आक्रामक कूटनीति अपनाने को तैयार है। यह अभ्यास तुर्किए और पाकिस्तान की जोड़ी को यह स्पष्ट संकेत देता है कि भारत भी सहयोगी देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी को बढ़ा रहा है।

भारत-ग्रीस संबंधों में आया नया मोड़

भारत और ग्रीस के संबंधों में बीते कुछ वर्षों में खासा सुधार हुआ है। 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रीस का दौरा किया था, जिसके बाद राजनयिक, व्यापारिक और सैन्य सहयोग को नई गति मिली। ग्रीस अब पूर्वी भूमध्य सागर, मध्य पूर्व, और इंडो-पैसिफिक में भारत के लिए एक भरोसेमंद रणनीतिक साझेदार बनकर उभर रहा है।
ग्रीक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह अभ्यास उनकी नौसेना की वैश्विक उपस्थिति को दर्शाने के साथ-साथ भारत के साथ सामरिक संबंधों को मजबूत करने का हिस्सा भी है। यह अभ्यास उस कूटनीतिक बदलाव का संकेत है, जिसमें भारत पश्चिमी देशों के साथ सैन्य संरेखण मजबूत कर भूराजनीतिक संतुलन कायम कर रहा है।

एजियन विवाद की आंच तुर्किए तक पहुंची

गौरतलब है कि ग्रीस और तुर्किए के बीच वर्षों से चल रहा विवाद एजियन सागर के द्वीप समूह को लेकर है। तुर्किए इन द्वीपों पर अपना दावा करता है, जबकि ग्रीस इन्हें अपनी संप्रभुता का हिस्सा बताता है। ऐसे में भारत का ग्रीस के साथ किया गया सैन्य अभ्यास तुर्किए के लिए एक राजनयिक झटका है।
भारत ने यह संकेत दिया है कि वह केवल डिफेंसिव डिप्लोमेसी पर निर्भर नहीं रहेगा, बल्कि आक्रामक सैन्य कूटनीति के जरिये जवाब देगा। इससे पाकिस्तान और तुर्किए, दोनों को साफ़ संदेश गया है कि भारत अब सिर्फ जवाब नहीं देगा, बल्कि रणनीतिक बढ़त भी बनाएगा।

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