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कांग्रेस से जुदा पवार की राय, 1962 में नेहरू LAC गए थे, पीएम मोदी ने भी बढ़ाया जवानों का हौंसला

Sharad pawar

मुंबई: लद्दाख में चीन सीमा पर तनातनी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक लेह पहुंचे थे। पीएम के इस दौरे कांग्रेस ने कई तरह के सवाल उठाए थे। कांग्रेस ने तंज करते हुए नीमू को टूरिस्ट स्पॉट बताया था लेकिन महाराष्ट्र सरकार के सहयोगी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार की राय कांग्रस से बिलकुल अलग है। शरद पवार ने पीएम मोदी के लेह दौरे को सेना को प्रेरित करने वाला बताया है।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार शरद पवार ने कहा है कि साल 1962 के युद्ध में चीन से हारने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और रक्षा मंत्री यशवंतराव चव्हाण भी एलएसी पर गए थे। पवार ने कहा कि तब नेहरू और चव्हाण ने सैनिकों को प्रेरित किया था। हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री ने भी ऐसा ही किया है। उन्होंने कहा कि जब भी देश की ऐसी स्थिति होती है, तब देश के नेतृत्व को सैनिकों को प्रेरित करने के लिए इस तरह के कदम उठाने चाहिए।

गौरतलब है कि चीन से तनातनी के बीच भी कांग्रेस सरकार पर लगातार हमलावर रही। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने तो पीएम मोदी को ‘Surender Modi’ तक बता दिया था। तब भी शरद पवार ने कांग्रेस से अलग तेवर दिखाए थे। पवार ने साफ कहा था कि जब चीन जैसे पड़ोसी के साथ तनाव चल रहा हो, तब ऐसे मुद्दे पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए।

चीन में लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल पर भारत-चीन की सेनाएं आमने सामने है। हालांकि सेना के शौर्य और सरकार की रणनीति के आगे चीन को झुकना पड़ा है और चीनी सेना मौजूदा जगह से 2 किलोमीटर तक पीछे हटी है। गलवान घाटी में खुनी झड़प में हिन्दुस्तान के 20 जवानों की शाहदत के बाद सीमा पर युद्ध जैसे हालात बन गए थे।

ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेह के अग्रिम मोर्चे नीमू पर जाकर सैनिकों को संबोधित किया और अस्पताल पहुंच कर गलवान की झड़प में घायल सैनिकों का हालचाल जाना था।

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