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Hathras Stampede: हाथरस में मौत से हाहाकार…सत्संग हादसे की होगी न्यायिक जांच, CM योगी का ऐलान

Hathras Stampede: हाथरस में मौत से हाहाकार...सत्संग हादसे की होगी न्यायिक जांच, CM योगी का ऐलान

Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस के फुलरई गांव में मंगलवार को एक सत्संग में मची भगदड़ में 121 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। तो वहीं 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। इस मामले में पुलिस ने मुख्य सेवक देव प्रकाश और अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। लेकिन पुलिस की इस एफआईआर पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि इसमें सत्संग कराने वाले भोले बाबा का नाम शामिल नहीं है।

‘चरण रज लेने के लिए मची थी भगदड़’

हादसा रात करीब 2 बजे हुआ। सत्संग समाप्त होने के बाद जब भोले बाबा जाने लगे तो भक्त उनके चरणों की धूल छूने के लिए आगे आये। फिर धक्का-मुक्की शुरू हो गई। लोग एक दूसरे के ऊपर गिरने लगे। भगदड़ मच गई। उस जगह के पास ही दलदली जमीन थी, कई लोग यहां फंसे हुए थे। कई लोग कीचड़ में गिर गये। कई महिलाएं बेहोश हो गईं।

‘बाबा के सेवकों ने नहीं किया सहयोग’

पुलिस के मुताबिक, जब कार्यक्रम स्थल पर भगदड़ मच रही थी तो सेवादार और आयोजक चुपचाप देख रहे थे। किसी ने सहयोग नहीं किया। फिर एक-एक करके वे खिसक गये। पुलिस ने खुद ही घायलों को अस्पताल पहुंचाया। इस त्रासदी पर पीएम मोदी और सीएम योगी ने दुख जताया है। सीएम योगी ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम गठित की गयी है. इस टीम में DIG रैंक के अधिकारी शामिल हैं।

‘सत्संग समाप्त होते ही भगदड़ मच गई’

हादसे का कारण अत्यधिक गर्मी और उमस भी बताया जा रहा है। एक भक्त ने बताया कि वह सुबह आठ बजे से ही सत्संग सुनने आये हैं। लेकिन दोपहर होते-होते बेहद गर्मी और उमस होने लगी। भक्त तो यही चाहते थे कि सत्संग ख़त्म हो और वे घर चले जाएँ। सत्संग समाप्त होते ही लोग बाहर आने के लिए दौड़ने लगे। फिर वे एक दूसरे को धक्का देने लगे. इस दौरान वहां भगदड़ मच गयी।

इस बीच आगरा प्रशासन ने भोले बाबा के सत्संग पर रोक लगा दी है। यह सत्संग 4 जुलाई को होना था। आयोजकों ने इसकी तैयारी भी कर ली थी। उप जिलाधिकारी से भी अनुमति ली गई। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

‘हाथरस में भगदड़ के आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज’

हाथरस में भगदड़ के अज्ञात आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। मुख्य सेवक देव प्रकाश मधुकर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। एफआईआर में बाबा साकार हरि का नाम नहीं है। जानकारी सामने आई है कि 80 हजार लोगों को इकट्ठा होने की इजाजत दी गई थी, जिसके मुकाबले ढाई लाख लोग सत्संग में पहुंचे।

‘हाथरस कांड पर SDM की रिपोर्ट’

लाखों की भीड़ बाबा के पैर छूकर उनकी धूल लेना चाहती थी। बाबा के सेवादारों ने भीड़ को पास आने से रोका। उन्होंने भीड़ को धक्का दिया। इसमें कुछ लोग गिर गए और भगदड़ मच गई।

‘रात भर होते रहे पोस्टमार्टम’

हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है। 4 जिलों अलीगढ़, हाथरस, एटा और आगरा में रात भर शवों का पोस्टमार्टम किया गया। हालांकि प्रशासन ने अब तक 121 मौतों की पुष्टि की है। मंगलवार देर रात सब इंस्पेक्टर ने सिकंदराराऊ थाने में 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। इनमें मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर का नाम भी शामिल है। बाकी 21 लोग अज्ञात हैं। एफआईआर में भोले बाबा उर्फ ​​हरि नारायण साकर का नाम नहीं है।

कौन हैं नारायण साकार हरि उर्फ ​​’भोले बाबा’?

नारायण साकार हरि, जिन्हें भोले बाबा और पटियाली के साकार विश्व हरि बाबा के नाम से भी जाना जाता है, उत्तर प्रदेश के एटा जिले के पटियाली के निवासी हैं और वे हाथरस में ‘सत्संग’ कार्यक्रम की मेजबानी करने वाले आध्यात्मिक नेता थे, इनके सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से 121 लोगों की जान चली गई।

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