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Hathras Stampede: हाथरस पीड़ित परिवारों से मिले राहुल गांधी, कहा, ‘राजनीतिकरण नहीं…’

Hathras Stampede: हाथरस पीड़ित परिवारों से मिले राहुल गांधी, कहा, 'राजनीतिकरण नहीं...'

Hathras Stampede: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार, 5 जुलाई को हाथरस में हुई भगदड़ के पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की। 2 जुलाई को हुई इस त्रासदी में 121 लोगों की जान चली गई थी और 31 लोग घायल हो गए थे। गांधी का पहला पड़ाव अलीगढ़ का पिलखना गांव था, जहां उन्होंने भगदड़ में जान गंवाने वाले गांव के चार पीड़ितों के परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त की।


‘व्यवस्था में कमियां रही हैं’

राहुल गांधी ने कहा, “बहुत सारे परिवार प्रभावित हुए हैं और कई लोगों की मौत हो गई है। मैं इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहता। व्यवस्था में कमियां रही हैं। मुझे लगता है कि उन्हें अधिक मुआवजा मिलना चाहिए क्योंकि ये बहुत गरीब परिवार हैं। मैं यूपी के सीएम से अनुरोध करता हूं कि वे खुले दिल से मुआवजा दें। उन्हें अभी इसकी जरूरत है और जल्द से जल्द अधिक मुआवजा दिया जाना चाहिए। परिवार के सदस्यों ने कहा कि पुलिस व्यवस्था पर्याप्त नहीं थी।”

‘किसी वरिष्ठ विपक्षी नेता का अलीगढ़ और हाथरस का पहला दौरा’

भगदड़ की घटना के बाद से किसी वरिष्ठ विपक्षी नेता का अलीगढ़ और हाथरस का यह पहला दौरा था। इस दौरान राहुल गांधी के साथ कांग्रेस पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय राय , प्रभारी अविनाश पांडे, पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।राहुल गांधी के दौरे के बाद शोक संतप्त परिवार के एक सदस्य ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “उन्होंने हमसे कहा कि वह पार्टी की मदद से हमारी मदद करेंगे। उन्होंने हमसे पूछा कि सब कुछ कैसे हुआ।”

‘घटनास्थल का UP के CM योगी आदित्यनाथ ने दौरा किया था

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को घटनास्थल का दौरा किया और घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए। मामले की व्यापकता और जांच में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बृजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया है।न्यायिक आयोग अगले दो महीनों में भगदड़ की घटना की जांच करेगा और अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा।

‘श्रद्धालु चरण रज लेने उमड़े थे’

शुरुआती रिपोर्टों से पता चला है कि भगदड़ तब मची जब श्रद्धालु आशीर्वाद लेने और उपदेशक के पैरों के आस-पास की मिट्टी इकट्ठा करने के लिए दौड़े । जब सुरक्षाकर्मियों ने श्रद्धालुओं को रोका तो वे एक-दूसरे को धक्का देने लगे, जिससे कई लोग गिर गए और भगदड़ मच गई।

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