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हरियाणा :अग्निवीरों के लिए सैनी सरकार की गारंटी, सरकारी नौकरी में 10% आरक्षण देने का किया ऐलान

हरियाणा :अग्निवीरों के लिए सैनी सरकार की गारंटी, सरकारी नौकरी में 10% आरक्षण देने का किया ऐलान

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अग्निवीरों  के लिए बड़ा तोहफा दिया है। उन्होंने कहा अग्निवीरों को ग्रुप बी और सी में सरकारी पदों के लिए निर्धारित अधिकतम आयु में तीन साल की छूट दी जाएगी। अग्निवीरों के पहले बैच के लिए, यह आयु छूट पांच साल होगी। सशस्त्र बलों में शामिल हुए अग्निवीरों के विभिन्न बैचों के अगस्त 2027 तक अपना चार साल का कार्यकाल पूरा करने की उम्मीद है।

आरक्षण पर सैनी ने कहा, सरकार अग्निवीरों के लिए ग्रुप सी में सिविल पदों पर सीधी भर्ती में 5ः क्षैतिज आरक्षण और ग्रुप बी में 1ः क्षैतिज आरक्षण प्रदान करेगी। इसके अलावा, सरकार राज्य सरकार द्वारा भर्ती कांस्टेबल, माइनिंग गार्ड, फॉरेस्ट गार्ड, जेल वार्डन और एसपीओ के पदों पर सीधी भर्ती में 10ः क्षैतिज आरक्षण प्रदान करेगी।हरियाणा के मुख्यमंत्री ने निजी क्षेत्र द्वारा अपनी भर्ती को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी की भी घोषणा की। सैनी ने कहा, अगर अग्निवीर को कोई औद्योगिक इकाई प्रति माह ₹30,000 से अधिक वेतन देती है, तो हमारी सरकार उस औद्योगिक इकाई को प्रति वर्ष ₹60,000 की सब्सिडी देगी।

अग्निपथ योजना क्या है?
जून 2022 में घोषित, यह योजना चार साल की छोटी अवधि के लिए भारतीय सशस्त्र बलों में अधिकारी रैंक से नीचे के कर्मियों की भर्ती करती है। चार वर्षों के अंत में, 25ः तक रंगरूट, जिन्हें अग्निवीर कहा जाता है, योग्यता और अन्य आवश्यकताओं के अधीन स्थायी कमीशन (15 और वर्ष) पर सेवाओं में शामिल हो जाते हैं। वेतन और अन्य जोखिम और कठिनाई भत्तों के अलावा, अग्निवीरों को पारस्परिक रूप से योगदान वाली सरकारी निधि, सेवा निधि से एकमुश्त विच्छेद पैकेज के रूप में लगभग ₹11.71 लाख (ब्याज के साथ) मिलते हैं।

विपक्ष ने बोला हमला
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस योजना को लेकर एनडीए सरकार पर बार-बार हमला बोला है। 1 जून को, उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक खुला पत्र लिखा, जिसमें मारे गए सैनिकों के परिवारों को दिए जाने वाले लाभों की प्रकृति और सीमा में भेदभाव का आरोप लगाया गया। कांग्रेस नेता ने आम चुनाव प्रचार के दौरान इस योजना को लेकर बार-बार भाजपा पर हमला बोला था। 18वीं लोकसभा के कैबिनेट गठन के बाद एनडीए सरकार के सहयोगियों ने योजना की समीक्षा का सुझाव दिया है।

 

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