नई दिल्ली : भारतीय सिनेमा के सबसे प्रभावशाली फिल्मकारों में से एक गुरु दत्त की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में देश और विदेश में खास आयोजन किए जा रहे हैं। इस ऐतिहासिक अवसर पर IFFM 2025 (Indian Film Festival of Melbourne) में उनकी दो आइकॉनिक फिल्मों — प्यासा और कागज के फूल — की विशेष स्क्रीनिंग आयोजित की जाएगी।
IFFM में गुरु दत्त को श्रद्धांजलि
IFFM की निदेशक मीतू भौमिक लांगे ने कहा कि यह आयोजन भारतीय सिनेमा के स्वर्णिम युग को श्रद्धांजलि देने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा, “गुरु दत्त की फिल्में केवल क्लासिक नहीं हैं, बल्कि भारतीय सिनेमा की आत्मा हैं। हमारा उद्देश्य उनकी गहराई और संवेदना को नई पीढ़ी तक पहुंचाना है।”
IFFM 2025 में यह कार्यक्रम 8 से 10 अगस्त के बीच आयोजित होगा।
भारत में भी होगा फिल्मों का विशेष प्रदर्शन
अल्ट्रा मीडिया एंड एंटरटेनमेंट द्वारा भारत में भी गुरु दत्त की फिल्मों की खास स्क्रीनिंग की जाएगी।
प्रदर्शन में शामिल फिल्में:
- प्यासा (4K रीस्टोर्ड वर्जन)
- आर पार
- चौदहवीं का चांद
- मिस्टर एंड मिसेज 55
- बाज
इन फिल्मों को NFDC-NFAI (National Film Development Corporation – National Film Archive of India) द्वारा सावधानीपूर्वक रीस्टोर किया गया है।
क्या बोले आयोजक?
अल्ट्रा मीडिया के सीईओ सुशील कुमार अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा, “हम गर्व महसूस कर रहे हैं कि गुरु दत्त जैसे महान कलाकार की कालजयी फिल्मों को बड़े पर्दे पर फिर से दिखाने का अवसर मिला है।”
NFDC के निदेशक प्रकाश मगदुम ने बताया कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन के तहत किया जा रहा है, जिसका मकसद भारतीय सिनेमा की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और पुनर्जीवित करना है।
गुरु दत्त की फिल्में: समय से आगे की सोच
गुरु दत्त की फिल्में जैसे साहिब बीबी और गुलाम, सांझ और सवेरा, कागज के फूल, आज भी न केवल तकनीकी दृष्टि से उत्कृष्ट मानी जाती हैं, बल्कि उनकी गहराई और सामाजिक संदेश आज के दौर में भी प्रासंगिक हैं।