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आजादी के बाद पहली बार भारत में 3 महिलाओं को होगी फांसी, जुल्म सुनकर काप उठेगी रूह

आजादी के बाद पहली बार भारत में 3 महिलाओं को होगी फांसी, जुल्म सुनकर काप उठेगी रूह

नई दिल्ली। आजादी के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है की किसी महिला को फांसी होने जा रही है। फांसी देने की तैयारी भी शुरू हो चुकी है। हत्‍या की दोषी इस महिला का नाम शबनम है। वहीं शबनम के बाद फांसी पर चढ़ने वाले लोगों की लिस्ट खासी लम्बी है। इस लिस्ट में 3 महिलाओं के नाम शामिल है। इनकी दया याचिकाएं नामंजूर हो चुकी हैं।

3 महिलाओं और 31 पुरुषों की फेहरिस्त में एक नाम निठारी कांड के दोषी सुरेंद्र कोली का भी है। आपको बता दे कि, वर्ष 2014 में कोली की दया याचिका को राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं। कोली को मेरठ की जेल में फांसी देने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं थीं, लेकिन ऐन वक्त पर कोली की फांसी पर रोक लग गई और वो फांसी के फंदे से बच गया।

वहीं हरियाणा की रहने वाली सोनिया और महाराष्ट्र की रेणुका-सीमा की फांसी पर भी भारत के राष्ट्रपति अपनी मुहर लगा चुके हैं। सोनिया अपने परिवार के सदस्यों की हत्या करने की दोषी ठहराई गई है। सोनिया के पिता हिसार के विधायक थे। सोनिया का पति संजीव भी जेल में फांसी दिए जाने का इंतजार कर रहा है।

आपको यह जानकार हैरानी होगी कि बामनखेड़ी (अमरोह) की रहने वाली शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने ही परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी थी। शबनम का एक बेटा ताज भी है और सलीम जेल में रहकर फांसी का इंतज़ार कर रहा है। हालांकि, शबनम को फांसी दिए जाने के डेथ वारंट पर अभी साइन नहीं हुए हैं। फांसी देने वाले पवन जल्लाद के पास भी अभी तक कोई अधिकारिक सूचना नहीं पहुंची है।

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