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बजट 2025 में किसानों को मिल सकती है बड़ी राहत, बढ़ सकती है किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट

बजट 2025 में किसानों को मिल सकती है बड़ी राहत, बढ़ सकती है किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट

भारत सरकार अगले बजट 2025 में किसानों के लिए महत्वपूर्ण घोषणाओं की तैयारी कर रही है। इस बार की योजना में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की लिमिट को 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का प्रस्ताव है। सरकार की ओर से यह कदम कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहित करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के उद्देश्य से उठाया जा सकता है।

किसान क्रेडिट कार्ड की स्कीम: 26 साल का सफर

किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत 1998 में की गई थी, ताकि किसानों को खेती और संबंधित कार्यों के लिए सस्ते दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जा सके। इस योजना के तहत किसानों को 9% वार्षिक ब्याज दर पर शॉर्ट टर्म लोन मिलता है। साथ ही, सरकार समय पर लोन चुकाने वाले किसानों को 2% की छूट देती है, और अगर किसान पूर्ण भुगतान समय पर करते हैं तो अतिरिक्त 3% की छूट भी मिलती है, जिससे किसानों को 4% वार्षिक ब्याज दर पर लोन मिलता है।

2023 तक इस योजना के तहत 7.4 करोड़ से ज्यादा किसानों ने लोन लिया, जिन पर 8.9 लाख करोड़ रुपए से अधिक का बकाया था। हालांकि, पिछले कई वर्षों से किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा में कोई वृद्धि नहीं हुई थी, जिसके कारण किसानों को खेती की बढ़ी हुई लागत का सामना करना पड़ रहा था।

कृषि क्षेत्र की बढ़ती लागत और कर्ज की आवश्यकता

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, खेती की लागत में लगातार वृद्धि हो रही है, लेकिन किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया था। यदि आगामी बजट में इस सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया जाता है, तो इसका सीधा असर कृषि क्षेत्र के उत्पादन और किसानों की आय पर पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे किसानों के जीवन स्तर में सुधार होगा और वे अपने कर्ज का भुगतान समय पर कर सकेंगे।

विशाल शर्मा, जो कि फिनटेक फर्म एडवारिस्क के को-फाउंडर और सीईओ हैं, का कहना है कि किसानों के लिए ज्यादा कर्ज उपलब्ध कराने से कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी, और इससे कृषि आय में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इससे किसानों को नए अवसर मिलेंगे और उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत होगी।

छोटे किसानों के लिए राहत की उम्मीद

नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) के चेयरमैन शाजी केवी के अनुसार, किसान क्रेडिट कार्ड का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को राहत पहुंचाना है। इसके अलावा, नाबार्ड ने अन्य कृषि कार्यों जैसे पशुपालन, मत्स्यपालन और डेरी उत्पादकों को भी ऋण देने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए नाबार्ड वित्तीय सेवा विभाग के साथ मिलकर एक अभियान चला रहा है, ताकि इन क्षेत्रों के किसान भी कर्ज प्राप्त कर सकें।

किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण: आंकड़ों में बढ़ोतरी

नाबार्ड के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2024 तक 167.53 लाख किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए थे, जिनकी कुल क्रेडिट लिमिट 1.73 लाख करोड़ रुपए थी। इसमें से डेरी किसानों को 11.24 लाख कार्ड जारी किए गए थे, जिनकी लिमिट 10,453.71 करोड़ रुपए थी। साथ ही, 65,000 मत्स्यपालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए थे, जिनकी लिमिट 341.70 करोड़ रुपए थी।

बजट 2025 में किसानों के लिए उम्मीदों का नया अवसर

2025 के बजट में किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाए जाने से कृषि क्षेत्र को एक नई दिशा मिल सकती है। इस कदम से किसानों को बेहतर वित्तीय सहायता मिलेगी, जिससे वे अपनी खेती और कृषि कार्यों को और भी प्रभावी तरीके से चला सकेंगे। इसके साथ ही, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी, और देश के कृषि क्षेत्र में सुधार की नई राह खुलेगी।

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