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देश में बढ़ती महंगाई के चलते RBI Governor ने जताई उम्मीद, जल्द मिलेगी राहत

देश में बढ़ती महंगाई के चलते RBI Governor ने जताई उम्मीद, जल्द मिलेगी राहत

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आजकल देशभर मे कई प्रकार के किस्से सुनने को मिलते-रहते हैं। देशभर में सभी लोग चलती महंगाई को लेकर काफी परेशान रहते हैं। बीते कुछ दिनों में टमाटर की कीमत दिनों दिन बढ़ती जा रही थी। देश में चलती महंगाई इस चरम पर पहुंच गई है कि लोगों का काफी दिक्क्तों को सामना करना पड़ता है और खाने-पीने का सामान भी महंगा होता जा रहा हैं।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने खाद्य सामानों में चलती महंगाई को लेकर और उसे काबू करने के लिए कुछ ना कुछ प्रयासों को करते रहने की जरूरत हैं। गवर्नर ने कहा की सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते इनके प्रभावों को कम करने के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा और वह सभी कार्यों के लिए सजग रहेंगे ताकि दूसरे कार्यों पर इसका प्रभाव ना पड़े।

महंगी हो रही हैं सब्जियां

आपको बता दें कि सब्जियों की बढ़ते दामों से लोगों को काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता हैं। बीते कुछ दिनों में टमाटर के भाव आसमान छू रहे थे, लेकिन अभी टमाटर के भावों में नरमी देखी गई है। पहले टमाटर 140-180 रुपये प्रति किलो और अभी 50 से 80 रुपये प्रति किलो बिक रहे है। लेकिन प्याज की कीमतों में इजाफा देखने को मिल रहा हैं।

सितंबर 2022 से बढ़ रही महंगाई

शक्तिकांत दास ने कहा, “खाद्य कीमतों में हो रही बढ़ोतरी के चलते मुद्रास्फीति अपेक्षाओं को स्थिर करने के लिए जोखिम पैदा करता हैं। वहीं खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला सितंबर 2022 से ही चल रहा हैं।

सब्जियों की वजह से बढ़ रही महंगाई

बताया जा रहा हैं कि सितम्बर में सब्जियों के बढ़ती कीमतों को दर धीमी होती जाएगी। सब्जियों और अनाजों के बढ़ते दामों के कारण जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 7.44 फीसदी हो गई, जिसे15 महीनों में सबसे अधिक देखा गया हैं।

मुद्रास्फीति को 4 फीसदी पर रखने का लक्ष्य

उन्होंने कहा है कि आरबीआई मुद्रास्फीति को चार फीसदी रखने का लक्ष्य प्रतिबद्ध है और देश में बढ़ती ब्याज दरें लम्बे समय तक जारी रहने वाला हैं। इसके साथ ही उन्होंने आपूर्ति पक्ष से जुड़े समयबद्ध हस्तक्षेप को भी इसी तरह के झटकों की गंभीरता एवं अवधि कम करने के लिए जरूरी बताया हैं।

ब्याज दरों में लगातार हो रहा इजाफा

आरबीआई ने पिछले साल फरवरी में रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद से मुद्रास्फीति में ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी कर इसे 6.50 फीसदी तक पहुंचा दिया हैं। आरबीआई ने मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए ऐसा किया हैं।

 

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