महाराष्ट्र विधानसभा सत्र के दौरान एमएलए गेस्ट हाउस में घटी एक शर्मनाक घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। बुलढाणा से शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक संजय गायकवाड़ ने कैंटीन में खराब दाल पर नाराज होकर ठेकेदार की पिटाई कर दी। इस मामले पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि इस तरह की हरकतों से विधायकों की गरिमा को ठेस पहुंचती है।
खाने की गुणवत्ता पर भड़के विधायक, हाथापाई तक जा पहुंचा मामला
घटना उस समय हुई जब संजय गायकवाड़ एमएलए गेस्ट हाउस की कैंटीन में खाना खाने पहुंचे। उन्हें दाल की गुणवत्ता बेहद खराब लगी। इसके बाद वह भड़क उठे और वहां मौजूद कैंटीन स्टाफ से बहस करने लगे। कुछ ही देर में मामला इतना बढ़ गया कि गायकवाड़ ने ठेकेदार को पहले दाल सुंघाई, फिर थप्पड़ और घूंसा भी मारा। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो गया।
मुख्यमंत्री फडणवीस का कड़ा संदेश – विधायकों की गरिमा को ठेस पहुंची
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधान परिषद में इस घटना की निंदा की। उन्होंने कहा, एक विधायक का यह बर्ताव शर्मनाक है। संजय गायकवाड़ ने सभी विधायकों की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है। कानून और लोकतंत्र में इस तरह की हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। सीएम ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को अपने व्यवहार में संयम और ज़िम्मेदारी दिखानी चाहिए।
गायकवाड़ का विवादित बयान- फिर पीटूंगा अगर ज़रूरत पड़ी
विधायक संजय गायकवाड़ ने न तो माफी मांगी और न ही किसी पछतावे के संकेत दिए।
उन्होंने बयान दिया, “यह सरकारी कैंटीन है, और यहां पूरे राज्य से लोग खाना खाने आते हैं। गुणवत्ता घटिया है। मैंने अधिकारियों से कई बार शिकायत की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। मैं जनप्रतिनिधि हूं, अगर लोकतांत्रिक भाषा कोई नहीं समझता तो फिर यही भाषा समझानी पड़ती है।” उन्होंने कहा कि वह भविष्य में भी ऐसी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगे।
विपक्ष हमलावर, जनता में नाराजगी
घटना को लेकर विपक्षी दलों ने संजय गायकवाड़ और शिंदे गुट की सरकार पर निशाना साधा है। एनसीपी और कांग्रेस ने मांग की है कि ऐसे विधायकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, सोशल मीडिया पर भी लोग गायकवाड़ के बयान और व्यवहार को लेकर नाराजगी जता रहे हैं। जनता का कहना है कि एक जनप्रतिनिधि से इस तरह के आक्रामक और हिंसक रवैये की उम्मीद नहीं की जा सकती।