Site icon Ghamasan News

Bone Death: कोरोना के बाद ‘बोन डेथ’ का खतरा, इतनी खतरनाक है ये बीमारी, ये है लक्षण

Bone Death: कोरोना के बाद ‘बोन डेथ’ का खतरा, इतनी खतरनाक है ये बीमारी, ये है लक्षण

कोरोना महामारी के बीच इन दिनों दिनों ब्लैक फंगस, येलो फंगस और व्हाइट फंगस और ना जाने कौन कौन से वायरस ने कहर मचा रखा है। ऐसे में अब एक और नई चीज़ सामने आई है। बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमित मरीजों में अब Bone Death के मामले भी देखने को मिल रहे हैं। जिसको देखते हुए ‘बोन डेथ’ के लक्षण मिलने के बाद इस पर कई शोध भी किए जा रहे हैं। आज हम आपको बताने जा रहे है कि आखिर क्या है Bone Death की बीमारी। ऐसे है इसके लक्षण और बचाव –

Bone Death बीमारी –

आपको बता दे, कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों के शरीर में अब रक्त का संचार सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है। जिसकी वजह से हड्डियां गलने लगती हैं। जिसे एवैस्कुलर नेक्रोसिस कहा जाता है। इसके अलावा इसी बीमारी को Bone Death भी कहा जाता है। जानकारी के मुताबिक, बीते दिनों मुंबई में ‘बोन डेथ’ के मामले दर्ज किए गए हैं और आने वाले दिनों में बढ़ने की आशंका व्यक्त की गई है। डॉक्टरों के अनुसार, ब्लैक फंगस की तरह ‘बोन डेथ’बीमारी भी लंबे अंतराल तक वेंटिलेटर पर रहने, स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल के चलते होती है। डायबिटीज के मरीजों को ‘बोन डेथ’ का खतरा ज्यादा होता है।

लक्षण –

बताया जा रहा है कि इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को चलने में दिक्कत होती है।
जांघ और कूल्हे की हड्डी तेज में दर्द होती है।
जोड़ों में दर्द प्रमुख लक्षण हैं।

दरअसल कोरोना महामारी से बचान के लिए जब मरीज को बहुत ज्यादा मात्रा में स्टेरॉयड दिए जाते हैं तो मरीज कोरोना से तो ठीक हो जाता है लेकिन स्टेरॉयड शरीर में जाकर वसा चयापचय बदल देते हैं। जिससे शरीर में रक्त की आपूर्ति को रोकने वाली रक्त वाहिका में वसा की बूंदें जमा हो जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप Bone Death बीमारी होने शुरू हो जाती है। वहीं ऐसे में एक बार जब कोशिकाओं की संख्या, मात्रा और गुणवत्ता में घट जाती है, तो जोड़ की सतह धीरे-धीरे ढह जाती है और इसके परिणामस्वरूप गठिया हो जाता है।

 

 

Exit mobile version