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असम: चुनावी मृदंग के आगाज के साथ ही हुआ आचार संहिता का उल्लंघन, EC ने उठाया ये कदम

Commission ban

नई दिल्ली। चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव का मृदंग बज गया है। जहां एक तरफ चुनाव का आगाज है वहीं दूसरी तरफ चुनावी घोषणा होने ही आचार संहिता के उल्लंघन का मामला सामने आया है। जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने इस पर फौरन एक्शन लिया। निर्वाचन आयोग ने असम में चुनाव घोषणा के दिन ही आईपीएस और राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों के तबादले पर रोक लगा दी है।

चुनाव आयोग के मुताबिक राज्य सरकार ने 12 आईपीएस और छह एपीएस अधिकारियों का तबादला 26 फरवरी को किया। ये चुनाव घोषणा के साथ लागू आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। गौरतलब है कि, नियमों के मुताबिक चुनाव की घोषणा और आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद अधिकारियों के तबादले, नियुक्तियों पर राज्य सरकार का नियंत्रण खत्म हो जाता है। फिर ये अधिकार खुद ही निर्वाचन आयोग के पास आ जाते हैं।

हालांकि आयोग ने अगले आदेश तक इन तबादलों पर रोक लगा दी है। लेकिन फिर भी आयोग राज्य सरकार से तबादलों की वजह पूछेगा। संतुष्ट होने पर ही आयोग का अगला आदेश जारी होगा। वहीं आयोग के सूत्रों ने बताया कि पहली निगाह में तो ये आचार संहिता का उल्लंघन है। अब देखना है कि राज्य सरकार अपने इस कदम को कैसे जस्टिफाई करती है।

गौरतलब है कि, हाल ही में पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के विधानसभा चुनाव की तारीखों मृदंग बज गया है। जिसके चलते तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में एक चरण में 6 अप्रैल को विधानसभा चुनाव होने हैं। साथ ही असम में 3 चरणों में 27 मार्च, 1 अप्रैल और 6 अप्रैल को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होंगे। वहीं पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में 27 मार्च, एक अप्रैल, 6 अप्रैल, 10 अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को मतदान होगा। जिसके बाद इन सभी राज्यों में हुए चुनाव के लिए वोटों की गिनती 2 मई को होगी।

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