केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज झारखंड की राजधानी रांची पहुंच रहे हैं। वे यहां पूर्वी क्षेत्रीय परिषद (Eastern Zonal Council) की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेंगे। इस बैठक में झारखंड के अलावा बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। बैठक का आयोजन झारखंड सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से संयुक्त रूप से किया जा रहा है। अमित शाह के आगमन को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। अमित शाह इससे पहले गुजरात दौरे पर थे। गुजरात दौरे के बाद वो सीधे झारखंड पहुंचेंगे और क्षेत्रिय परिषद की बैठक में भाग लेंगे।
विकास और सुरक्षा से जुड़े होंगे अहम मुद्दे
पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में मुख्य रूप से आंतरिक सुरक्षा, सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास, नक्सल प्रभावित इलाकों में बुनियादी ढांचे की मजबूती, सीमा विवाद और सांप्रदायिक समरसता जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, परिवहन, जल संसाधन और प्रशासनिक सुधार जैसे विषय भी एजेंडे में शामिल हैं।
क्या है क्षेत्रीय परिषद?
भारत सरकार ने राज्यों के बीच बेहतर सहयोग, समन्वय और संवाद स्थापित करने के लिए पांच क्षेत्रीय परिषदों का गठन किया था। पूर्वी क्षेत्रीय परिषद में झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल आते हैं। इन परिषदों की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री करते हैं जबकि संबंधित राज्य का मुख्यमंत्री उपाध्यक्ष होता है।
झारखंड सरकार की ओर से विशेष स्वागत
अमित शाह के आगमन को लेकर झारखंड प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (या उनके उत्तराधिकारी, यदि कोई नया नाम हो) अमित शाह का स्वागत करेंगे और बैठक की मेज़बानी करेंगे। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब झारखंड में राजनीतिक अस्थिरता और कानून-व्यवस्था के मुद्दे चर्चा में हैं।
क्या निकलेगा निष्कर्ष?
विशेषज्ञों के अनुसार, पूर्वी भारत के राज्यों के बीच कई वर्षों से लंबित सीमा विवाद, खनन से जुड़े मुद्दे और नक्सल उन्मूलन अभियान पर केंद्र और राज्यों के बीच संयोजन को बेहतर बनाने की दिशा में यह बैठक अहम साबित हो सकती है। इसके अलावा केंद्र सरकार की योजनाओं के राज्य स्तर पर क्रियान्वयन की समीक्षा भी की जाएगी। यह दौरा राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि केंद्र और राज्यों के संबंधों के बीच बढ़ती खींचतान के बीच अमित शाह की मौजूदगी संवाद की एक नई शुरुआत बन सकती है।